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श्राद्ध या फिर यू कहें कि पितृ पक्ष का वक्त काफी ज्यादा खास माना जाता है। यह पूर्वजों का तर्पण करने के लिए काफी सही वक्त होता है। ये अवधि 16 दिनों तक चलती है। ऐसी मान्यता है कि पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की आसानी से प्राप्ति होती है। साथ ही आपके पितृ दोष भी खत्म हो जाते हैं। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी 3 तिथियों के बारें में जिसमें श्राद्ध-कर्म करने से आपके पितरों की आत्मा तृप्त होगी और आपके घर में खुशियों का वास होगा।
वैसे देखा जाए तो श्राद्ध पक्ष का अपने आप में खास महत्व होता है, लेकिन कुछ तिथियां ऐसी होती है, जोकि खास मानी जाती है जैसे कि भरणी श्राद्ध, नवमी श्राद्ध, सर्वपितृ अमावस्या। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान जिन पितरों की अकाल मृत्यू हुई है औऱ जिनकी संतान न हो या फिर जिनकी मृत्यू की तिथि का पता न हो उनका श्राद्ध किया जाता है। ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इस तिथि पर श्राद्ध-कर्म करने से पितृ खुश भी होते हैं।
पितृ पक्ष में भूलकर भी न करें ये चीजे दान
1. लोहे के बर्तन
पितृ पक्ष में लोहे से बने बर्तनों का कभी भी भूलकर भी दान नहीं करना चाहिए। इसकी बजाए आप सोने, पीतल और चांदी के बर्तनों का दान कर सकते हैं।
2. पुराने कपड़े
पितृ पक्ष में पुराने कपड़े भी दान में देना अच्छा नहीं माना जाता है। पितृ पक्ष में हमेशा ब्राह्मणों को नए वस्त्र ही दान करने चाहिए।
3. काले रंगे के कपड़े
इसके अलावा काले रंग के कपड़ों का भी भूलकर भी इस्तेमाल न करें। हिंदू पूजा में काले रंग का इस्तेमाल करना निषेध होता है। साथ ही ये अशुभ भी माना जाता है। ऐसे में श्राद्ध के दौरान काले वस्त्र या फिर कंबलों का दान बिल्कुल भी न करें।
4. तेल न करें दान
इस बात का आपको खास ख्याल रखना चाहिए कि पितृ पक्ष में किसी को भी आप तेल दान में न दें। खास तौर पर सरसों का तेल आपको दान नहीं करना चाहिए।
5. भूलकर भी न खिलाएं पितरों को झूठा खाना
वहीं, पितरों को केवल शुद्ध और ताजा खाना ही अर्पित करना चाहिए। गलती से भी उन्हें झूठा खाना न खिलाएं। इससे आपके घर में आ सकती है नकारात्मक एनर्जी।
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