अभयारण्य क्षेत्र में खुशी देखने को मिली है. अब लगता है कि यहां का वातावरण घड़ियाल के अनुकूल है. सोन घड़ियाल अभयारण्य में 72 अंडों से 72 घड़ियाल ने जन्म लिया है.
अभयारण्य क्षेत्र में खुशी देखने को मिली है. अब लगता है कि यहां का वातावरण घड़ियाल के अनुकूल है. सोन घड़ियाल अभयारण्य में 72 अंडों से 72 घड़ियाल ने जन्म लिया है. इनकी निगरानी के लिए आवश्यकतानुसार समय निर्धारित कर घड़ियाल अभ्यारण्य के 6 कर्मियों को तैनात किया गया है. मादा घड़ियाल सोन नदी के किनारे की रेत में अंडे देती है. अंडे को सुरक्षित रखने के लिए प्रबंधन ने उनके लिए रेत से जगह तैयार की थी.
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आपको बता दें कि मगरमच्छ के और भी जन्म होने की संभावना है. घड़ियाल को जन्म देने के बाद इनके शिकार का डर बना रहता है. नर मगरमच्छ, मगरमच्छ सहित जानवर उनका शिकार कर सकते हैं. ऐसे में दोनों मादा घड़ियाल अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए उनके आसपास हैं. बताया गया है कि वह दोनों तरफ से शील्ड बनकर अपने बच्चों पर नजर रख रही हैं. छोटे मगरमच्छों को स्वाभाविक रूप से दो सप्ताह तक भोजन की आवश्यकता नहीं होती है. इसके बाद उन्हें छोटी मछली दी जाती है.