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1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान अलग हुए दो भाई 74 साल बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर में फिर से मिले. पाकिस्तान के फैसलाबाद के रहने वाले मोहम्मद सिक्किक ने अपने बड़े भाई हबीब से मुलाकात की, जो पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत की सीमा से जोड़ने वाले करतारपुर कॉरिडोर के जरिए भारत के पंजाब के फूलनवाल इलाके में रहता है. भारत के विभाजन के दौरान, सिक्किक एक शिशु था जब उसका परिवार विभाजित हो गया, और उसका बड़ा भाई हबीब उर्फ शेला विभाजन रेखा के भारतीय पक्ष में बड़ा हुआ.
Brothers meet after 74 years because of 1947! #pakistan #punjab
— Manpreet Singh (@mjassal) January 12, 2022
(I admit, I cried) pic.twitter.com/NddUYBHK09
खुशी के आंसू
भाई अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाए और एक दूसरे को गले लगाकर अपने पुराने यादों को याद किया. दोनों भाई के खुशी के आंसू रोके नहीं रुक रहे थे. जबकि इस मिलन को देखने के लिए वहां भीड़ जमा हो गई. बैठक के बाद, हबीब ने करतारपुर की पहल की सराहना करते हुए कहा कि गलियारे ने उन्हें अपने भाई के साथ फिर से जुड़ने में मदद की.
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इस बीच, सोशल मीडिया पर उन उपयोगकर्ताओं की टिप्पणियों की बाढ़ आ गई, जिन्होंने पुनर्मिलन के दिलकश वीडियो को देखा.
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भारत से पाकिस्तान को करतापुर तक वीजा मुक्त यात्रा की सुविधा मिलती है, जो सीमा से पांच किलोमीटर दूर है. एक महत्वपूर्ण कदम में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने नवंबर 2019 में 4.7 किलोमीटर के करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया, लेकिन बाद में COVID-19 महामारी के कारण बंद कर दिया गया था. मार्च 2020 में बंद होने के डेढ़ साल बाद 17 नवंबर, 2021 को इसे फिर से खोल दिया गया.
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