शोधकर्ताओं का मानना है कि कोई भी वायरस शरीर में घुसने के लिए प्रोटीन का सहारा लेता है। लेकिन ये तत्व ऐसा नहीं होने देगा यानि वायरस को प्रोटीन के माध्यम से घुसने नहीं देगा।
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इस भयंकर महामारी ने लोगों की ज़िंदगी को बदल सा दिया। हर चीज़ का तौर-तरीक़ा बदल दिया है। अब क्योंकि इस महामारी को दुनिया में कदम रखे हुए कई महीने बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक इसके लिए किसी दवा या वैक्सीन को नहीं बनाया जा सका है। जो अपने आप में एक बेहद चिंताजनक बात है।
अब दवा बनाने का लगातार प्रयास जारी है। अभी हाल ही में कुछ शोध हुए हैं जिसमें ये देखा गया कि हमारे किचन का इंग्रीडेंट कोरोना के इलाज में सहायक हो सकता है। हम यहां बात कर रहे हैं काली मिर्च की। शोध के आधार पर ये पाया गया है कि कि काली मिर्च कोरोना की दवा बनाने में काफ़ी मददगार है।
भारत के कुछ शोधकर्ताओं ने ये दावा किया है कि काली मिर्च में पेपराइन पाया जाता है और वो कोरोना के इलाज में बहुत असरदार होता है। ये कोरोना वाइरस पर अटैक कर उसे ख़त्म करता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि कोई भी वायरस शरीर में घुसने के लिए प्रोटीन का सहारा लेता है। लेकिन ये तत्व ऐसा नहीं होने देगा यानि वायरस को प्रोटीन के माध्यम से घुसने नहीं देगा।
इस शोध बार बारीकी से अध्ययन करने के लिए शोधकर्ताओं ने आधुनिक प्रणालियों का प्रयोग किया। साथ ही रसोई में इस्तेमाल किए जाने वाले कई मसालों में छिपे औषधीय गुणों का अध्ययन किया। स्टडी करने पर पाया गया काली मिर्च में पाया जाने वाला पेपराइन जिसकी वजह से काली मिर्च में तीखा पन होता है। कोरोना वायरस पर असरदार है। हालांकी इसे अभी लैबोरेटरी भेजा जाएगा तब पुष्टि की जाएगी।
अगर लैब में इस बात की पुष्टि हो जाती है तो ये अपने आप में एक बड़ी सफलता होगी क्योंकि काली मिर्च एक बहुत ही प्रक्रतिक चीज़ है। इससे शरीर को कोई हानि नहीं पहुंच सकती।