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दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तारी को लेकर सियासत तेज हो गई है. अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, और तेजस्वी यादव समेत 9 विपक्षी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी गई है. अब भाजपा ने पलटवार किया है.
सुधांशु त्रिवेदी ने साधा निशाना
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आप पर हमला बोला. उन्होंने कहा आप सदस्यों का कहना था कि भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में इस्तीफा देना पहला कदम होना चाहिए और बाद में जांच की जानी चाहिए और आज वे जांच एजेंसियों को नकार रहे हैं और धमकी दे रहे हैं.
शहजान पूनावाला ने लगाए आरोप
इसके अलावा भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि AAP मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के मामले में पीड़ित कार्ड खेल रही है. उन्होंने आम आदमी पार्टी से सवाल पूछते हुए कहा कि सिसोदिया को जमानत न देकर क्या अदालत मानसिक रुप से परेशान कर रही है.
आप शराब घोटाले पर जवाब दे: पूनावाला
शहजाद पूनावाला ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा आम आदमी पार्टी को आबकारी नीति मामले संबंधित सवालों का जवाब देना चाहिए. जो लोग इस तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त होकर दिल्ली के लोगों के उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार हैं. वह यह बताए कि शराब घोटाला क्यों किया गया.
कसाब को भी बचाने के लिए लेटर लिखा गया था: कपिल मिश्रा
इसके साथ ही कपिल मिश्रा ने भी तीखा हमला बोला है. मनीष सिसोदिया को बचाने के लिए कई विपक्ष के नेताओं ने लेटर लिखा है, ऐसा ही एक लेटर कसाब को बचाने के लिये भी लिखा गया था. जब ऐसे लेटर आने लगे मतलब अपराध पक्का है, अब बचाने की हड़बड़ाहट है.
जानिए पत्र में क्या लिखा है
9 विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए आरोप लगाया है कि, विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का घोर दुरुपयोग हो रहा है. ऐसा लगता है कि भारत लोकतंत्र से निरंकुशता में बदल गया है. राज्यपाल जैसे संवैधानिक कार्यालयों का दुरुपयोग किया जा रहा है. यह हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. पत्र में कहा गया है कि सिसोदिया के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं. इससे राजनीतिक साजिश की बू आती है. उनकी गिरफ्तारी से देश भर में लोगों के मन में आक्रोश है.
भापजा मे शामिल होने पर नेताओं को राहत मिलती है
पत्र में आगे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पूर्व टीएमसी नेताओं शुभेंदु अधिकारी व मुकुल रॉय का उदाहरण देते हुए लिखा गया है कि भाजपा में शामिल होने पर भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी नेताओं को राहत मिल जाती है. इसमें जांच एजेंसियां भाजपा में शामिल होने वाले विपक्षी नेताओं के खिलाफ मामलों में धीमी गति से चलती हैं.
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