बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस बात को स्वीकार है कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को दाव पर लगाया था. क्या इसको लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी अपनी चुप्पी तोड़ेंगे?
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी अपनी किताब में मुंबई हमले के बाद किसी भी तरह की कार्रवाई न होने को लेकर मनमोहन सरकार की आलोचना करते हुए नजर आए है. बीजेपी ने भी इस मौके का फायदा उठाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस सरकार को निठल्ली और निकम्मी करारा दिया है. इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया का कहना है कि कांग्रेस सरकार निठल्ली और निकम्मी थी. राष्ट्रीय की सुरक्षा पर भी भारत की अखंडता की उनको किसी भी तरह की चिंता नहीं थी. मनीष तिवारी तक ने ये स्वीकारा है कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को दाव पर लगाया था. क्या अब इस मामले को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी चुप्पी तोड़ते हुए दिखाई देंगे?
बीजेपी की तरफ से कहा गया कि मनीष तिवारी ने जो बात अपनी पुस्तक में कही, जिसको हम सभी ने मीडिया में देखा है. ये कहना गलत नहीं होगा कि जो तथ्य सामने आए हैं, इसको कांग्रेस की विफलता का कबूलनामा कहना ही उपयुक्त होगा. इस पुस्तक का सारांश है कि संयम शक्ति की निशानी नहीं है, 26/11 के मुंबई हमले के समय संयम कमजोरी माना जा सकता है. भारत को उस समय कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी. जब कांग्रेस की विफलताओं का ये कबूलनामा पढ़ा तो हर भारतीय की तरह हमें भी बड़ी पीड़ा हुई.
कांग्रेस सरकार निठल्ली-निकम्मी- बीजेपी
बीजेपी की तरफ से ये भी कहा गया कि इस तथ्य के बाद आज स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस की जो सरकार थी वो निठल्ली, निकम्मी थी, लेकिन राष्ट्र सुरक्षा जैसे मुद्दे पर भारत की अखंडता की भी उनको चिंता नहीं थी. राष्ट्र सुरक्षा जैसे मुद्दे पर भारत की अखंडता की भी उन्हें चिंता नहीं थी. हर भारतीय ये बात कहता था, बीजेपी भी यही बात कह रही थी. आज कांग्रेस शासन में मंत्री रहे मनीष तिवारी जी ने स्वीकारा है कि उनकी सरकार ने राष्ट्र सुरक्षा को दांव पर लगा दिया था.’’
क्या चुप्पी तोड़ेंगे सोनिया गांधी-राहुल गांधी
बीजेपी ने आगे कहा, ‘’कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी क्या आज अपनी चुप्पी तोड़ेंगे? सोनिया गांधी जी हमारा प्रश्न है कि भारत की वीर सेना को उस समय अनुमति और खुली छूट क्यों नहीं दी गयी? हमारी वीर सेना पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी से अनुमति मांग रही थी कि हम पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे, लेकिन सोनिया गांधी जी ऐसा क्यों हुआ कि हमारी वीर सेना को ये अनुमति क्यों नहीं दी गई?’’