यूपी नगर निकाय चुनाव में कानपुर की लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है. चुनाव प्रचार प्रसार के लिए दिग्गजों ने अब सियासी पिच पर उतरने का मन बना लिया है.
यूपी नगर निकाय चुनाव में कानपुर की लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है. चुनाव प्रचार प्रसार के लिए दिग्गजों ने अब सियासी पिच पर उतरने का मन बना लिया है. बीजेपी ने जहां अपने सबसे बड़े स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारने की रूपरेखा तैयार कर ली है, वहीं समाजवादी पार्टी भी अपने कद्दावर समाजवादियों के साथ मैदान में उतरने जा रही है. वहीं, मेयर चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने वाली कांग्रेस पार्टी में किसी बड़े नेता का कार्यक्रम फिलहाल नजर नहीं आ रहा है.
दूसरे चरण का चुनाव
दूसरे चरण का चुनाव प्रचार नौ मई को थम जाएगा, लेकिन इससे पहले कानपुर में सियासी पारा अपने चरम पर होगा. बीजेपी नेताओं की माने तो इस दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ब्राह्मण बहुल सीट और ब्राह्मणों के गढ़ कहे जाने वाले किदवई नगर विधानसभा में जनसभा करेंगे और पार्टी के पक्ष में माहौल बनाएंगे. जबकि कानपुर में केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक लगातार अपने प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बना रहे हैं.
बीजेपी के दिग्गज
वहीं समाजवादी पार्टी ने भी बीजेपी के दिग्गज नेताओं के हमलों का जवाब देने के लिए रणनीति बना ली है. राष्ट्रीय सचिव शिवपाल सिंह यादव ने न सिर्फ सपा की मेयर पद की प्रत्याशी वंदना बाजपेयी के केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया, बल्कि जल्द ही वह चुनाव प्रचार के लिए कानपुर आ सकती हैं. इसके अलावा मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव भी वंदना बाजपेई के लिए रोड शो और सभाएं करती नजर आएंगी, तो मुख्य मुकाबला 9 तारीख को देखा जा सकता है जब अखिलेश यादव खुद कानपुर में रैली करने आ सकते हैं.
नतीजों पर नजर
अब तक के चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच हमेशा से ही कांटे की टक्कर रही है. और इस बार कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश सचिव विकास अवस्थी की पत्नी अश्नी अवस्थी को मैदान में उतारकर ब्राह्मण वोटरों में सेंध लगाने की भी योजना बनाई है, लेकिन भाजपा और सपा के स्टार प्रचारकों से बड़ा कोई चेहरा अभी प्रचार की जंग में नहीं उतरा है.