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बिहार के दरभंगा में देश का इकलौता अस्पताल बन गया है, जहां डॉक्टर अब मरीज की नब्ज और टेस्ट रिपोर्ट देखकर नहीं बल्कि उनकी कुंडली देखकर इलाज कर रहे हैं. आपकी जानकर यह हैरानी होगी की यह एक सरकारी अस्पताल है. इस अस्पताल ने एक बार फिर से भारत को संतों और अध्यात्म की भूमि साबित कर दिया है.
कुंडली से होता है बीमारी का इलाज:
डॉ दिनेश्वर प्रसाद, प्राचार्य, जीएसीडी ने कहा कि 'चिकित्सा ज्योतिष की एक प्राचीन अनुप्रयुक्त शाखा है जो शरीर के विभिन्न अंगों, रोगों और औषधियों के सूर्य, चंद्रमा, ग्रहों और बारह राशियों की प्रकृति के साथ संबंध पर आधारित है. जड़ी-बूटियों और अन्य दवाओं को उनके ज्योतिषीय गुणों को देखते हुए उपचार के लिए चुना जाता है. इस प्रणाली में बीमार लोगों को उनकी कुंडली या हस्तरेखा की मदद से इलाज का तरीका बताया जाता है.'
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डॉ प्रसाद ने आगे बताया कि प्राचीन काल में यह विज्ञान बहुत लोकप्रिय था लेकिन समय के साथ यह गुमनामी में डूब गया. लेकिन, अब यह फिर से उपयोग में है और आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के साथ-साथ चिकित्सा ज्योतिष की शुरुआत करने वाला GACD देश का पहला अस्पताल है.
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