पाकिस्तान को अब भी अपनी आतंकी गतिविधियों के चलते ग्रे लिस्ट से राहत नहीं मिलेगी. फ्रांस की राजधानी पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक के आखिरी दिन पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा गया है.
पाकिस्तान को अब भी अपनी आतंकी गतिविधियों के चलते ग्रे लिस्ट से राहत नहीं मिलेगी. फ्रांस की राजधानी पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक के आखिरी दिन पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा गया है. पाकिस्तान का नाम ग्रे लिस्ट से नहीं हटाया जाएगा. इसे जून 2022 तक ग्रे लिस्ट में रखा गया है. 2018 से पाकिस्तान टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी शर्तों को पूरा नहीं करने के लिए FATF की ग्रे लिस्ट में है.
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FATF ने कहा है कि अब पाकिस्तान को आतंकी नीतियों को लेकर और ज्यादा सक्रिय होने की जरूरत है, इसकी जल्द से जल्द जांच होनी चाहिए और आतंकवाद पर रोक लगनी चाहिए. FATF की चार दिवसीय बैठक 1 मार्च को शुरू हुई थी. FATF की चार दिवसीय पूर्ण बैठक 1 मार्च से 4 मार्च तक संपन्न होने के बाद यह निर्णय लिया गया.
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इस ग्रेलिस्टिंग का इसके आयात और निर्यात पर गहरा प्रभाव पड़ा है. वहीं अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से कर्ज लेने में देश को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था. अक्टूबर 2018, 2019, 2020, अप्रैल और अक्टूबर 2021 में हुई समीक्षा में भी पाकिस्तान को राहत नहीं मिली थी. पाकिस्तान FATF की सिफारिशों पर कार्रवाई करने में विफल रहा है. इस दौरान पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को विदेशों से और घरेलू स्तर पर आर्थिक मदद मिली है. ईरान और उत्तर कोरिया FATF की ब्लैक लिस्ट में हैं. जिससे इन दोनों देशों को बाहर से निवेश प्राप्त करने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार करने में काफी परेशानी होती है.