Rakesh Tikait On MSP: 'सरकार दिमाग ठीक कर ले, 26 जनवरी अब दूर नहीं', MSP कानून पर राकेश टिकैत की चेतावनी

भारत किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि भारत सरकार को अपने तरीकों में सुधार करना चाहिए.

  • 1102
  • 0

भारत किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि भारत सरकार को अपने तरीकों में सुधार करना चाहिए और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून लाना चाहिए, जिसमें विफल रहने पर उन्होंने अगले गणतंत्र दिवस पर एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी. टिकैत ने कहा कि देश के किसानों को इस साल बहुत कुछ झेलना पड़ा है, 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) दूर नहीं है, और चार लाख ट्रैक्टर और किसान सभी मौजूद हैं. 

आंदोलन को जारी रखने के दिए संकेत

टिकैत ने मुंबई में आयोजित एक किसान महापंचायत से पहले बयान दिया, जिसमें किसान नेताओं ने आगामी सभी विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार का आह्वान किया, जबकि एमएसपी कानून के लिए लड़ाई जारी रखने की कसम खाई. किसान नेताओं ने अपनी अन्य मांगों को भी दोहराया, जिसमें लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेना और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी शामिल है.

यह भी पढ़ें :    उत्तरी पेरू में 7.5 तीव्रता का भूकंप का झटका

संसद सत्र की शुरुआत की पूर्व संध्या पर दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में संयुक्ता शेतकारी कामगार मोर्चा (एसएसकेएम) के बैनर तले किसानों का मेगा कॉन्क्लेव आयोजित किया गया था. सभा में टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को धोखा दे रही है और सतर्क रहने की जरूरत है. “सरकार को अभी बात करने की स्थिति में आना बाकी है. यह व्यवस्था बेईमान और धोखेबाज है. यह किसान और श्रमिक समुदायों को खराब रोशनी में दिखाना चाहता है, ”किसान नेता को समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा गया था. उन्होंने आगे कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एमएसपी के समर्थक थे जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और किसानों के हितों की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी कानून चाहते थे.


मोदी सरकार पर इस मुद्दे पर बहस से दूर भागने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "केंद्र को किसानों को एमएसपी की गारंटी देने के लिए एक कानून लाना चाहिए. कृषि और श्रम क्षेत्रों से जुड़े कई मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है और हम हर जगह यात्रा करेंगे. टिकैत ने यह भी मांग की कि केंद्र के तीन कृषि विपणन कानूनों के खिलाफ साल भर के विरोध में मारे गए किसानों के परिजनों को वित्तीय सहायता दी जाए.

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT