भारतीय पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने गुरुवार शाम को अपना 'पद्मश्री' पुरस्कार लौटाने की घोषणा की.
भारतीय पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने गुरुवार शाम को अपना 'पद्मश्री' पुरस्कार लौटाने की घोषणा की और इसके तुरंत बाद वह पीएम मोदी को पुरस्कार लौटाने के लिए निकल पड़े. लेकिन पीएम आवास पहुंचने से पहले ही उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक लिया. जब वह आगे नहीं बढ़ पाए तो पद्मश्री को फुटपाथ पर रखकर लौट आए.
कुश्ती महासंघ में तानाशाही
यौन शोषण के आरोपी और भारतीय कुश्ती महासंघ में तानाशाही चला रहे बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों की शिकायत पर खेल मंत्रालय की लापरवाही के कारण बजरंग पुनिया ने 'पद्मश्री' लौटाने का फैसला किया. उन्होंने इस मामले में पीएम मोदी को एक लंबी चिट्ठी भी लिखी. इस पत्र में उन्होंने अपनी मांगें न सुने जाने पर पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने की बात कही थी.
यौन शोषण का आरोप
दरअसल, इस साल की शुरुआत से ही भारतीय पहलवानों का एक वर्ग भारतीय कुश्ती महासंघ में चल रही बृजभूषण शरण सिंह की मनमानी और तानाशाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का भी आरोप है. बृजभूषण शरण सिंह बीजेपी सांसद हैं और लंबे समय तक भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे हैं.
हाल ही में पहलवानों के लंबे आंदोलन के बाद उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा. जो नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है वह भी बृजभूषण खेमे का है. ऐसे में पिछले 11 महीने से चल रहा पहलवानों का आंदोलन पूरी तरह से बेअसर रहा है. यही वजह थी कि बजरंग पुनिया अपना मेडल लौटाने निकल पड़े थे.
महिला पहलवानों की शिकायत
केंद्र सरकार द्वारा महिला पहलवानों की शिकायतों पर ध्यान न दिए जाने पर कल भारत की ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने भी कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया था. आपको बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ इस आंदोलन का नेतृत्व बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने किया था. जनवरी से चल रहे विरोध प्रदर्शन में अब तक बहुत कुछ हो चुका है.