राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को दो उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर दी है.
राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को दो उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर दी है. इस सूची में टोडाभीम सीट से रामनिवास मीना को मैदान में उतारा गया है. वहीं शिव सीट से स्वरूप सिंह खारा को टिकट दिया गया है. इससे पहले बीजेपी ने तीन सूचियां जारी कर कुल 182 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. अब चौथी लिस्ट जारी होने के बाद 184 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए गए हैं. बीजेपी ने अब 200 में से 186 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
पार्टी ने गुरुवार को 58 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का दबदबा साफ नजर आ रहा है. माना जा रहा है कि 58 में से 22 उम्मीदवार उनके कोटे से हैं. दूसरी सूची में भी 83 नामों में से राजे के 28 करीबियों को टिकट मिला है.
बीजेपी की तीसरी सूची
बीजेपी की तीसरी सूची में वसुंधरा कोटे से कोलायत से पूनम कंवर, भीनमाल से पूराराम चौधरी, केशवरायपाटन से चंद्रकांता मेघवाल, लाडपुरा से कल्पना देवी समेत करीब 22 उम्मीदवारों को टिकट मिला है. राजस्थान बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची में 41 नाम सामने आए. लेकिन वसुंधरा खेमे को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया. उन्होंने झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत का टिकट काटकर सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा. विद्याधर नगर से भी नरपत सिंह राजवी की जगह सांसद दीया कुमारी को टिकट दिया गया.
कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का हाड़ौती बेल्ट पर अच्छा प्रभाव है. वह यहां की झालरापाटन सीट से चौथी बार विधायक हैं. उनके बेटे दुष्यन्त सिंह भी झालावाड़ से सांसद हैं. हाड़ौती क्षेत्र में 17 सीटें हैं. 2018 के चुनाव में भी बीजेपी ने यहां कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया था. यहां से बीजेपी को 10 और कांग्रेस को 7 सीटें मिलीं. जबकि 2013 में बीजेपी ने रिकॉर्ड 16 सीटें जीती थीं.
तीन जातियों पर शासन
जातीय समीकरण भी राजे के पक्ष में हैं. वह खुद एक राजपूत हैं और उनकी शादी एक जाट परिवार में हुई है उनकी बहू निहारिका भी गुर्जर परिवार से हैं. अत: राजा तीन जातियों पर शासन करते हैं. वहीं, बीजेपी के केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का अपने क्षेत्र के बाहर प्रभाव कम है.