अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई हशमत गनी तालिबान में शामिल हो गए हैं.
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. तालिबान लड़ाके हिंसक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इस बीच बड़ी खबर आ रही है कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई हशमत गनी तालिबान में शामिल हो गए हैं. हशमत गनी ने तालिबान को समर्थन देने की घोषणा की है. हशमत गनी के तालिबान के साथ आने से आतंकी संगठन के और मजबूत होने की उम्मीद है. इस बीच तालिबान के सह-संस्थापक बरादर काबुल पहुंच गए हैं. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक बरादर यहां सरकार गठन पर चर्चा करने आए हैं.
सूत्रों की मानें तो हशमत गनी अशरफ गनी के भाई हैं और वह अफगानिस्तान की राजनीति और कूटनीति को अच्छी तरह से जानते हैx. इसका सीधा फायदा तालिबान को होगा। बताया जा रहा है कि हशमत गनी ने तालिबान को समर्थन देने का फैसला पहले ही कर लिया था और जैसे ही तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया, वह आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया. हालाँकि, तालिबान नेताओं के बीच इस बात पर कोई सहमति नहीं है कि अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। बताया जा रहा है कि तालिबान पहले चाहता था कि मुल्ला बरादर राष्ट्रपति बने, लेकिन आतंकी संगठन के भीतर बरादर के खिलाफ आवाज उठने के बाद उन्हें राष्ट्रपति नहीं बनाया गया.