इस धरती पर कुछ जानवर ऐसे हैं जिनका सीधा ताल्लुक ईश्वर से है. जानिए धार्मिक ग्रंथों में शामिल हैं कौन-कौन से जानवर..
इस संसार से जुड़ी हर चीज अपने आप में बेहद खास है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण है जानवर. ये हमारे लिए जितने उपयोगी है उससे कई ज्यादा ये भगवान के लिए भी उपयोगी माने गए हैं. आप किसी भी धर्म के ग्रंथ को उठाकर पढ़ लीजिए, आपको कोई न कोई ऐसा जानवर मिल ही जाएगा, जिसका ताल्लुक ईश्वर के साथ जरूर होगा. ईश्वर के वो काफी ज्यादा करीबी हैं. ऐसे कई पशु-पक्षी और पेड़-पौधे मौजूद हैं जिनको धार्मिक और आध्यात्मिक तौर पर अहमियत दी जाती है. आइए आपको एक-एक करके बताते हैं दुनिया में कहां किस-किस जानवरों को कहा गया है पवित्र.
1. शेर
शेर एक शक्तिशाली जानवर माना जाता है. ये जंगल का राजा भी कहा जाता है. हिन्दू धर्म में शेर की बात की जाए तो उसका महत्व काफी ज्यादा है. ऐसा कहा जाता है कि मां दुर्गा उसकी सवारी करती है.
2. हाथी
इंद्र देवता की सवारी हाथी को माना जाता है. हाथी का दूसरा रूप हैं भगवान गणेश. उनकी हिन्दू धर्म में आज भी पूजा की जाती है.
3. चूहा
जब भी चूहे का नाम लिया जाता है तो लोगों के दिमाग में प्लेग जैसी बीमारी फैलाने वाले जानवर की छवि सामने आ जाती है. लेकिन भारत में यही चूहा भगवान गणेश की सवारी है. क्या आपको पता है कि राजस्थान में चूहों को मारा नहीं जाता है. इसके अलावा बीकानेर के पास तो चूहों का एक मंदिर भी मौजूद है.
4. हंस
हंस को विद्या की देवी मां सरस्वती का वाहन कहा जाता है. हंस समझदार, जिज्ञालु और पवित्र पक्षी माना जाता है. हंस अपने चुनी हुई जगह पर ही रहता है. ये बाकी पक्षियों के मुकाबले सबसे ऊंचाई पर उड़ान भरता है. इसके अलावा लंबी दूरी तय करने में भी सफल रहता है.
5. बैल
भगवान शिव का वाहन बैल को माना जाता है. असीरिया और सिंधु घाटी की खुदाई में भी बैल की मूर्ति तक पाई गई है. इससे एक चीज तो साफ होती है कि प्राचीनकाल से ही बैल का काफी ज्यादा महत्व है. भारत में बैल का इस्तेमाल खेती के लिए किया जाता है. एक महत्वपूर्ण पशु के तौर पर इसे देखा जाता है.
6. बुज्जा
सारस जैसा प्रतीत होने वाला यह पक्षी मिस्त्र सभ्यता के देवता ठोठ से ताल्लुक रखता है. ऐसा कहा जाता है कि मिस्त्र की लिपि की रचना ठोठ ने ही की थी. वे सभी देवाताओं के बीच संवाद तक के लिए जिम्मेदार हैं.
7. बंदर
उछल-कूद करने के मामले में बंदर सबसे पहले आते हैं. लेकिन प्राचीन मिस्त्र में लंगूर को पवित्र माना जाता था. विज्ञान और चांद के देवता ठोठ को ज्यादा लंगूर के तौर पर दर्शाया जाता था.
एक चीज यहां समझने वाली ये है कि इस धरती पर जितना हक हमारा है उतना ही हक इस संसार में रहने वाले हर जीव का भी है. वो बात अलग है कि हम उनके अधिकारों पर अब अपना हक जमाने लगे हैं. हमने इस धरती को कई चीजों में बांटकर रख दिया है.