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माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या जिसे आम भाषा में मौनी अमावस्या भी कहते हैं मंगलवार को पूर्ण श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाई जायेगी. भक्त इस दिन गंगा जैसी अन्य आसपास की नदियों में डुबकी लगा के दान पुण्य कमाने का कार्य करेंगे. ऋषि पंचांग के हिसाब से इस बार की मौनी अमावस्या का योग सिद्धि और साध्य है जो भक्तगणों के लिये बहुत लाभदायक व फलदायी होने वाले हैं.
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मंगलवार को सूर्योदय का समय 6 बजकर 34 मिनट होगा और अमावस्या की तिथि का समय 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. खैर अमावस्या की तिथि एक दिन पूर्व सोमवार की दोपहर में 1 हजार 15 मिनट से ही शुरू हो जायेगी. ऐसे में कह सकते हैं कि मौनी अमावस्या इस बार लगभग दो दिवसीय है, सोमवार और मंगलवार. श्राद्ध आदि क्रियाओं के लिये सोमवार एवं स्नान-दान-पुण्य के लिए मंगलवार का दिन प्रशस्त किया गया है.
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कहते हैं कि मौनी अमावस्या में किया गया स्नान अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फलदायी होता है. तिल व गुड़ दान करने से शनि और सूर्य से होने वाली हानियाँ समाप्त हो जाती हैं. पीपल के वृक्ष को देवता गणों के वास के रूप में देखा जाता है इसलिये मौनी अमावस्या के दिन पीपल की पूजा अवश्य करनी चाहिए.
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