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अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में बने हुए हैं। इस बार वो किसी बिजनेस में पाई गई सफलता की वजह से नहीं बल्कि किसी और गंभीर चीज के चलते सुर्खियों में आए हैं। दरअसल चीन सरकार की आलोचना करने वाले जैक मा की गिरफ्तारी और नजरबंदी को लेकर आशंका अब बढ़ गई है। वह पिछले दो महीने से सार्वजनिक तौर पर कहीं भी दिखाई नहीं दिए हैं। लेकिन इसी बीच चीनी मीडिया की ओर से ऐसी खबरें सामने आई है कि इस वक्त जैम मा सरकारी एजेंसियों की निगरानी में मौजूद हैं।
हांगकांग के एशिया टाइम्स की खबर के मुताबिक ये बात सामने आई है कि जैकमा फिलहाल निगरानी का सामना कर रहे हैं। चीन में जब भी किसी बड़ी हस्तियों की गिरफ्तारी की जाती है तो उस जानकारी को सार्वजनिक करने से सरकार बचती हुई नजर आती है। इसीलिए यहां निगरानी से मतलब है जैक मा का जेल में होना।
इस काम का मिला परिणाम?
सबसे हैरानी वाली बात ये है कि हाल ही में अफ्रीका में अपनी कंपनी से संबंधित एक बड़े फंक्शन में भी वो नजर नहीं आए थे। यहां तक की शो की वेबसाइट से भी उनकी तस्वीरें हटा दी गई है। जैक मा को चीन के लिहाज से काफी मुखर माना जाता है। 2020 के अक्टूबर महीने में उन्होंने चीन के फेमस शहर शंघाई में वित्तीय नियामकों और सरकारी बैकों की काफी आलोचना की थी। इतना ही नहीं उन्होंने वैश्विक बैकिंग नियमों को बुजुर्गों का क्लब तक करारा दिया था। चीन सरकार से उन्होंने आग्रह किया था कि सिस्टम में कुछ बदलाव किया जाना चाहिए ताकि कारोबार में कुछ नया करने के लिए कोई भी हिचके नहीं। इन सबके बीच चीन सरकारी मीडिया द्वारा जैक मा के प्रति ऑनलाइन दुष्प्रचार भी शुरू हो गया है।
कंपनी पर डाल रहे है ये प्रभाव
जैक मा की कंपनियों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए। जैक मा की कंपनी एंट ग्रुप का आईपीओ तक रोक दिया गया। इतना ही नहीं सबसे बड़े सरकारी बैंक ने भी एंट ग्रुप को नोटिस भेज दिया है। कंपनी अलीबाबा के खिलाफ भी चीन में सरकारी जांच शुरू कर दी गई है। 24 अक्टूबर के बाद जैक मा से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ सरकारी की सख्त कार्रवाई होना शुरू हो गई है। तभी से ही जैक मा को किसी भी सार्वजनिक जगह पर नहीं देखा गया। इतना ही नहीं वो सोशल मीडिया से भी लापता हो गए हैं।
ऐसे जैक मा को मिली सफलता
अलीबाबा की सफलता ने जैक मा को रातोंरात चीन का सबसे अमीर आदमी बना दिया। एक टूरिस्ट गाइड के तौर पर काम किया। पर्यटकों को वो घूमाते हुए वो अंग्रेजी बोला करते थे। उन्होंने अंग्रेजी के शिक्षक के तौर पर अलग-अलग जगहों पर नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन हर बार असफलता हाथ लगी। इतना ही नहीं उन्होंने केएफसी के लिए भी आवेदन किया था।
उन्होंने अपनी कंपनी अलीबाबा की शुरुआत अपने अपार्टमेंट से की थी। उन्होंने अपने कुछ दोस्तों को ऑनलाइन मार्केट प्लेस में निवेश करने के लिए राजी कर लिया। इसके बाद एक 1992 और जनवरी 2000 में उनकी कंपनी को दो बार 25 मिलियन डॉलर का विदेशी निवेश मिला था। चीन के लोगों का जब विश्वास जीत लिया तो ये कंपनी लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध हो गई।
जैक मा पर दुख का पहाड़
जैक मा के चार में से उनके 22 साल के बेटे की मौत ब्रेन कैंसर से हुई। उनकी बेटी को दिल की बीमारी है, उनकी पत्नी को स्तन कैंसर है और उन्हें खुद कोलोरेक्टल कैंसर है। जैक मा के बेटे मा झेंगकुन का जन्म 1992 में हुआ था और 2014 में ब्रेन कैंसर के कारण उनकी मृत्यु हो गई। एक मध्यम आयु वर्ग के बच्चे का नुकसान मा के लिए एक झटका था क्योंकि विशाल अली समूह को वो अपने बेटे को नहीं सौंप पाए थे।
कुछ साल पहले मा के हांगकांग में जन्मी बेटी को जन्मजात हृदय रोग पाया गया था। साथ ही सबसे ज्यादा मजबूत हमेशा जैक मा के पीछे रहने वाली महिला यानी उनकी पत्नी को भी स्तन कैंसर हो गया। इतना सबकुछ झेलने के बाद बी जैक मा ने कभी हार नहीं मानी और वो लोगों के बीच हमेशा सफलता की मिसाल बने रहे।
सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में भी मिला 25वां स्थान
ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की माने तो अक्टूबर के आखिर में जैक की संपत्ति 61. 7 बिलियन डॉलर यानी कि 4 लाख 50 हजार करोड़ रूपये थी जोकि अब घटकर 50.9 बिलियन डॉलर हो गई है यानी 3 लाख 70 हजार करोड़। दुनियाभर के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में जैक मा 25वें स्थान पर आ गए हैं। ऐसा इसीलिए क्योंकि चीनी के इस शिकंजे की वजह से अलीबाबा ग्रुप को 270 बिलियन डॉलर यानी करीब 20 लाख का नुकसान हुआ है।
पेटीएम और जैक मा
वहीं, इसी बीच ऐसी खबर सामने आई थी कि अलीबाबा की जो सहयोगी कंपनी है एंट ग्रुप जल्द ही पेटीएम में जो अपनी हिस्सेदारी है 30 प्रतिशत वो बेचेगा। भारत में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के आधार पर कंपनी ने ये फैसला लिया है। आपको बता दें कि पेटीएम समते ऐसी कई स्टार्टअप कंपनिया हैं जिसमें अलीबाबा समेत कई चीनी कंपनयिों ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है।
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