कृषि कानूनों को लेकर किसानों का लगातार प्रदर्शन जारी है। लेकिन इसके बीच में किसानों को मनाने के लिए एक पत्र जारी किया गया है।
किसानों का कृषि कानूनों को लेकर लगातार 23वें दिन भी प्रदर्शन जारी है। वो किसी भी तरह से सरकार के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की तरफ आठ पन्नों का एक पत्र जारी किया गया है। उस पत्र को पढ़ने की अपील खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों से की है। आइए हम आपको बताते हैं कि कौन से हैं उन पन्नों में वो 8 आश्वासन जिसके चलते किसानों का विश्वास जीतने में लगी हुई है इस वक्त केंद्र सरकार।
कृषि मंत्री की ओर से पत्र लिखकर उन्होंने अपनी भावनाएं प्रकट की है। एक शांतिपूर्ण और विनम्र संवाद करने की कोशिश की गई है। उन्होंने अन्नदाताओं से इस बात की अपील की है कि वो इस जरूर पढ़ें। साथ ही देशवासियों से भी आग्रह किया है कि वो संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करें। गुरुवार के दिन कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच एक झूठ की दीवार खड़ी करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने अपने पत्र में दावा किया है कि कृषि के नए कानून नए अध्याय की नींव होंगे। कृषि मंत्री के मुताबिक कृषि सुधार को लेकर एक भ्रम किसानों में फैल दिया है। साथ ही उन्होंने ये निम्न आश्वासन भी किसानों को दिए हैं।
- किसानों की जमीन को कोई भी खतरा नहीं है, उनका मालिकाना हक रहने वाला है।
- तय वक्त पर किसानों को भुगतान दिया जाएगा।
- यदि भुगतान तय समय पर नहीं हुआ तो जुर्माना लगेगा।
- खुले बाजार के अंदर अच्छी कीमत पर फसल बेचने का विकल्प है।
- इसके अलावा एमएसपी जारी है और आगे भी रहेगा।
- मंडियां भी जहां चालू है वो चालू ही रहेगी।
- करार फसलों के लिए होने वाला है जमीन को लेकर नहीं। किसान अपनी मर्जी के हिसाब से उसे खत्म कर सकता है।
- साथ ही एपीएमसी मंडियां कानून के दायरे से बाहर रहने वाली है।
इन सबके साथ कृषि मंत्री के मुताबिक उन्हें इस बात की संतुष्टि है कि जब से नए कानून आए है उसके बाद से इस बार एमएसपी पर सरकारी खरीद के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं।