एक विधवा महिला घायल बेहोश बच्चे को गोद में लेकर इधर-उधर भटकती रही, लेकिन किसी डॉक्टर या कर्मचारी ने उसे स्ट्रेचर तक नहीं दिया.
एक जिले का अस्पताल अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं का आईना होता है, लेकिन कानपुर में अस्पताल उर्सला ने ऐसा नजारा देखा, जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया. इधर एक विधवा महिला घायल बेहोश बच्चे को गोद में लेकर इधर-उधर भटकती रही, लेकिन किसी डॉक्टर या कर्मचारी ने उसे स्ट्रेचर तक नहीं दिया.
इतना ही नहीं इस बच्चे को अस्पताल से हैलेट अस्पताल रेफर कर दिया गया. बच्चे को स्ट्रेचर तक नहीं दिया गया। बेचारी रोती-बिलखती एक बेसहारा मां अपने बच्चे को गोद में लेकर अस्पताल से भागी और सड़क तक भागी. उसके आंसू अपने बच्चे की सलामती की दुआ कर रहे थे। जिसने भी अपनी मां की पीड़ा देखी, उसका दिल बैठ गया.
लाचार मां का दर्द पूछा तो रोते हुए बोली, 'अलमारी मेरे बच्चे पर गिर गई थी, डॉक्टरों ने यहां भर्ती नहीं किया, उसे रेफर कर दिया, स्ट्रेचर तक नहीं दिया, मैं विधवा हूं.' कुछ देर बाद यह बेचारी मां बच्चे को लेकर हैलेट अस्पताल चली गई. इस मां का नाम पूजा है, जो अपने चार साल के बच्चे को दादानगर से जिला अस्पताल उर्सला ले आई.