30 जून को मणिपुर के नोनी जिले में रेलवे निर्माण स्थल पर भारी भूस्खलन को राज्य के इतिहास में इस तरह की सबसे खराब घटना माना जाता है. इस हादसे में प्रादेशिक सेना के जवानों समेत मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है.
30 जून को मणिपुर के नोनी जिले में रेलवे निर्माण स्थल पर भारी भूस्खलन को राज्य के इतिहास में इस तरह की सबसे खराब घटना माना जाता है. इस हादसे में प्रादेशिक सेना के जवानों समेत मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है. कई लोग अभी भी मिट्टी में दबे हुए हैं. वह जिंदा होगा या नहीं, कोई नहीं कह सकता.
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इस साल राज्य में भूस्खलन से 85 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मिट्टी में दबे लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है. इस बीच, नागरिक प्रशासन ने इजेई नदी के निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों से सावधानी बरतने और नदी पर बांध टूटने की संभावना के कारण साइट को खाली करने के लिए कहा है.
सीएम की नम हुई आंखों
मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने दुख जताया और नम आंखों से कहा- यह राज्य के इतिहास की सबसे खराब घटना है. बता दें कि अलग-अलग हादसों में (राज्य में अलग-अलग भूस्खलन की घटनाओं में) 85 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि, प्रादेशिक सेना-कर्मियों सहित 18 को बचा लिया गया है; लगभग 37 अभी भी दफन हैं. मिट्टी होने के कारण सभी को हटाने में 2-3 दिन का समय लगेगा. केंद्र ने बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ और सेना के जवानों को भी भेजा है. मिट्टी में नमी के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है, जिससे देरी हो रही है.