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लाहौर हाई कोर्ट ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा के छह नेताओं को बरी कर दिया है. आतंकियों को आर्थिक मदद मुहैया कराने के मामले में प्रतिबंधित संगठन के नेताओं को आरोपों से बरी कर दिया गया है. 2008 में मुंबई बम धमाकों में 166 लोग मारे गए थे. हमले में मारे गए लोगों में छह अमेरिकी भी शामिल थे. सईद के नेतृत्व वाले जमात-उद-दावा के लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी समूह से संबंध हैं.
लाहौर की आतंकवाद निरोधी अदालत ने 6 नेताओं को 9 साल कैद की सजा सुनाई. इनमें प्रोफेसर मलिक जफर इकबाल, याह्या मुजाबिद, नसरुल्ला, समीउल्लाह और उमर बहादुर के नाम शामिल हैं. इनके अलावा हाफिज सईद के रिश्तेदार हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को 6 महीने के लिए जेल भेज दिया गया था. मक्की के खिलाफ यह कार्रवाई पंजाब पुलिस के आतंकवाद निरोधी विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद की गई है. निचली अदालत ने इन नेताओं पर आतंकियों को आर्थिक मदद देने का आरोप लगाया था. अदालत ने आतंकवाद के जरिए अर्जित धन से बनी संपत्ति को भी जब्त करने का आदेश दिया था.
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