भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सशस्त्र सीमा बल और असम राइफल्स को उक्त धाराओं के प्रावधानों से मुक्त कर दिया गया है.
आरक्षण को लेके सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, केंद्र सरकार ने दिव्यांगों को नौकरी में मिलने वाले चार फीसदी आरक्षण का कोटा हटा दिया है. राजपत्र अधिसूचनाओं के अनुसार सरकार ने कुछ प्रतिष्ठानों को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (Rights of Persons with Disabilities Act , 2016) के दायरे से छुट दी है, जो दिव्यांक व्यक्तियों के लिए रोजगार में आरक्षण प्रदान करता है. इस अधिनियम के तहत दिव्यांगजनों को पुलिस बल, रेलवे सुरक्षा बल की नियुक्तियों में चार फीसदी आरक्षण मिलता था, जो अब ख़त्म कर दिया गया है.
दूसरी अधिसूचना में लड़ाकू कर्मियों के सभी सेक्टरों और श्रेणियों के पदों की भर्ती में भी छुट दी जानी है, इस में कहा गया है कि, "दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 20 की उप-धारा (1) के प्रावधान और धारा 34 की उप-धारा (1) के दूसरे प्रावधान द्वारा केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सीमा सुरक्षा बलों, केंद्रीय रिज़र्व बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के लड़ाकू कर्मियों के सभी श्रेणियों के पदों को छुट प्रदान करता है.
इस बिच सामाजिक कार्यकर्ताओ ने सरकार के फैसले का काफी विरोध किया. एनसीपीईडीपी के कार्यकारी निदेशक अरमान अली ने कहा कि अधिनियम कि धारा 34 को छुट देना दिव्यांक व्यक्तियों के साथ अन्याय है.
उन्होंने कहा, पुलिस विभाग के तहत नौकरिया सिर्फ फील्ड तक ही नहीं होती है, बल्कि आईटी सेल के साथ और भी डिपार्टमेंट होते है जिन में दिव्यांक लोग काम कर सकते है.