गैंगस्टर केस में 26 साल बाद आया मुख्तार अंसारी का फैसला, जानिए मामला

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अंसारी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

मुख्तार अंसारी
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उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अंसारी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. एमपी/एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में दोषी करार दिया था. मुख्तार के भाई और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई गई है. उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अफ़ज़ाल को कड़ी सुरक्षा के बीच ग़ाज़ीपुर जेल भेज दिया गया है, जबकि मुख्तार पहले से ही बांदा जेल में बंद है. इससे पहले अफजाल अंसारी जमानत पर थे.

कपिल देव सिंह हत्याकांड 

जिस मामले में मुख्तार को सजा सुनाई गई वह 2010 का है. मुख्तार के खिलाफ गाजीपुर के करंडा थाने में गैंगस्टर का मामला दर्ज किया गया था. इस गैंगस्टर केस के गैंग चार्ट में कपिल देव सिंह हत्याकांड और मीर हसन पर हमला भी शामिल था. 2009 में करंडा थाना क्षेत्र के कपिल देव सिंह की हत्या कर दी गई थी, जबकि 2009 में ही मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के मीर हसन ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था.

गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज

इन दोनों मूल मामलों में मुख्तार अंसारी को सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया है, लेकिन इन दोनों मामलों को लेकर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसमें उन्हें दोषी पाया गया और सजा सुनाई गई. इससे पहले भी मुख्तार अंसारी को एक अन्य गैंगस्टर मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.

हत्याकांड में मुख्तार अंसारी

दरअसल, करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक कपिल देव सिंह की 2009 में हत्या कर दी गई थी, जिसमें 2010 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. हत्या के 14 साल बाद इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया गया था। 2009 में सुआपुर गांव में रहने वाले एक दबंग व्यक्ति के घर पर कुर्की की कार्रवाई की जा रही थी. इस बीच जब्त किये गये सामानों की सूची बनाने के लिए कपिल देव सिंह को मौके पर बुलाया गया.


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