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नोएडा के निठारी कांड से जुड़ी एक बड़ी जानकारी इस वक्त सामने आ ही है। इस केस के मुख्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र काली की सजा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दी है। इसके अलावा मोनिंदर सिंह पंढेर को जिन दोनों केसों में फांसी की सजा मिली थी उसे भी कोर्ट की तरफ से रद्द कर दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट में जस्टिस अश्वी कुमार मिश्र और जस्टिस एसए हुसैन रिजवी की बेंच ने आरोपियों के पक्ष में अपना फैसला लिया है। उन्होंने अपील पर सुनवाई करने के बाद पिछले महीने ही फैसला सुरक्षित रख लिया था। फिलहाल फैसले की पूरी जानकारी सामने नहीं आई है।
निठारी हत्याकांड क्या है जानिए इसके बारे में यहां?
इस केस का खुलासा उस वक्त हुआ था जब निठारी गांव की नाबालिग लड़कियां अचानक से गायब होने लगी थीं। उस वक्त लोगों के बीच ये मामला सामने आया जब दिसबंर के महीने में 2006 में निठारी में मौजूद मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पास नाले में कुछ कंकाल मिले। इसके बाद इस मामले को सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई की तरफ से 16 केसों को दर्ज किया गया है।
जांच में आई ये सामने चीजें
जांच के वक्त सीबीआई ने लड़कियों संग दुराचार कर नृशंस हत्या कर लाश के टुकड़े कर खून पीना, पकाकर खाने जैसे गंभीर अपराधों का खुलासा किया। इसके बाद सीबीआई ने मोनिंदर के नौकर कोली पर हत्या, अपहरण और दुष्कर्म के अलावा सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया और एक मामले में पंढेर पर अनैतिक तस्करी का आरोप लगाया गया। CBI कोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। लेकिन दोनों ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल क।
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