इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है. गाजा पट्टी में लगातार हो रहे इजरायली हवाई हमलों से हमास आतंकियों की कमर टूट गई है.
इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है. गाजा पट्टी में लगातार हो रहे इजरायली हवाई हमलों से हमास आतंकियों की कमर टूट गई है. वहीं आम लोगों की जान पर भी खतरा गहरा गया है. इजरायली हमलों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. इस संघर्ष ने वैश्विक कूटनीति में बड़ा बदलाव ला दिया है. ऐसे में चीन की आकांक्षाओं को बड़ा झटका लगा है. चीन जो पश्चिम एशिया में अहम भूमिका निभाने को बेताब था. उन्हें गहरा सदमा लगा है.
इजराइल पर हमला
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ईरान और सऊदी अरब की दोस्ती की तरह फिलिस्तीन और इजराइल के बीच दोस्ती कायम कर 'मसीहा' बनना चाहते थे और अमेरिका को कूटनीतिक हार देते. लेकिन उनका ये सपना धरा का धरा रह गया. आतंकी संगठन हमास ने सबसे पहले इजराइल पर हमला किया और हंगामा मचाया. इसके जवाब में इजराइल ने गाजा में खतरनाक पलटवार कर पूरे समीकरण ही बदल दिए. जानिए कैसे जिनपिंग के अरमानों पर पानी फिर गया?
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति से मुलाकात
चीन इजराइल और फिलिस्तीन के बीच अपना 'इष्टतम' सीधा करने की कोशिश कर रहा था. लेकिन गाजा संघर्ष ने चीन का सपना तोड़ दिया है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जून में बीजिंग में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की और इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को चीन की आधिकारिक यात्रा के लिए आमंत्रित किया. बड़ी बात ये थी कि इजरायली पीएम नेतन्याहू ने चीन का न्योता स्वीकार कर लिया था.
मानवीय समर्थन की अपील
मध्य पूर्व में चीन के राजदूत झाई जून ने पिछले सप्ताह फिलिस्तीनी और मिस्र के अधिकारियों से फोन पर बात की और फिलिस्तीनियों के लिए तत्काल युद्धविराम और मानवीय समर्थन की अपील की. झाई ने इजरायली अधिकारियों से यह भी कहा कि चीन का फिलिस्तीनी मुद्दे में कोई स्वार्थ नहीं है, लेकिन वह हमेशा शांति, निष्पक्षता और न्याय के लिए खड़ा रहा है. उन्होंने कहा, चीन शांति को बढ़ावा देने और बातचीत को प्रोत्साहित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने को इच्छुक है.