कोटा में दीवार पर लिखी मनोकामना, छलका छात्रों का दर्द

इन दिनों हर तरफ कोटा की चर्चा हो रही है. खासकर कोटा में छात्र आत्महत्या के बढ़ते मामलों से लोग काफी चिंतित हैं. घर-बार छोड़कर कोटा में पढ़ाई करने आए छात्रों में यह बीमारी कब, कैसे और क्यों हुई, यह कोई नहीं समझ पा रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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इन दिनों हर तरफ कोटा की चर्चा हो रही है. खासकर कोटा में छात्र आत्महत्या के बढ़ते मामलों से लोग काफी चिंतित हैं. घर-बार छोड़कर कोटा में पढ़ाई करने आए छात्रों में यह बीमारी कब, कैसे और क्यों हुई, यह कोई नहीं समझ पा रहा है. जो छात्र जिंदगी की जंग में सफल होने का सपना लेकर यहां पहुंचते हैं, वे जिंदगी में उम्मीदों की यह लड़ाई क्यों हार जाते हैं और मौत को गले लगाने लगते हैं?

छात्र हेल्पलाइन नंबर

सच कहा जाए तो कोटा में छात्र भारी दबाव में हैं और कोटा के छात्रों का ये दबाव खुलकर देखने को भी मिल रहा है. राधा कृष्ण मंदिर कोटा में एक मंदिर है। इस मंदिर की दीवार को मन्नतों की दीवार भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि लोग यहां अपनी मनोकामनाएं लिखते हैं और वे पूरी होती हैं. इसके अलावा, कोटा में कई छात्र अपनी मनःस्थिति और अपनी समस्याओं से निपटने के लिए छात्र हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करते हैं.

नीट की तैयारी 

कोचिंग के हब के तौर पर मशहूर हो चुके कोटा के तलवंडी इलाके में स्थित राधा कृष्ण मंदिर में हर शाम सैकड़ों छात्र जुटते हैं. इनमें से अधिकतर नीट की तैयारी करने वाले छात्र हैं और उसी मंदिर के मुख्य कक्ष से सटी हुई एक सफेद दीवार है. जिसे वहां के विद्यार्थियों के बीच मनोकामना दीवार के नाम से जाना जाता है और उसी दीवार पर छात्र अपने मन की वो बात लिखते हैं जिसके बारे में वो शायद भगवान से मन्नत मांगने आते हैं.

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