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24 अगस्त 2023 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन बाल-बाल बच गया है. इस अंतरिक्ष स्टेशन की ओर भारी मात्रा में अंतरिक्ष कचरा आ रहा था. जानकारी के मुताबिक इस कूड़े की रफ्तार भी काफी तेज थी. इस बर्बादी से बचने के लिए अंतरिक्ष स्टेशन में स्थापित रूसी मॉड्यूल के इंजन और थ्रस्टर्स को 21.5 सेकंड के लिए चालू किया गया। नासा ने भी इसकी पुष्टि की है.
सर्विस मॉड्यूल के इंजन
नासा ने अपने ईमेल में लिखा कि पूरे अंतरिक्ष स्टेशन को उसकी कक्षा में आने वाले मलबे से बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ज़वेदा सर्विस मॉड्यूल के इंजन को 21.5 सेकंड के लिए चालू किया गया था. लगभग 1640 फीट का अंतरिक्ष स्टेशन गिराया गया, जो आमतौर पर 400 किलोमीटर की कक्षा में घूमता है.
वैज्ञानिकों की प्रयोगशाला
बता दें, 1999 के बाद से अब तक स्पेस स्टेशन की दिशा और ऊंचाई में 30 से ज्यादा सुधार किए जा चुके हैं. ये सुधार अंतरिक्ष स्टेशन को अंतरिक्ष मलबे से बचाने के लिए किए गए थे. आपको बता दें, साल 2030 में अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों की प्रयोगशाला यानी स्पेस स्टेशन काम करना बंद कर देगा, जो 24 साल से वहां मौजूद है. इसे एक साल के अंदर प्रशांत महासागर में गिराया जाएगा. कुल मिलाकर इस स्पेस स्टेशन की जिंदगी सिर्फ 7 साल ही बची है. कहा कि जैसे चल रहा है, वैसे ही चल रहा है.
साल 1998 में लॉन्च किया
दरअसल पिछले साल नासा ने घोषणा की थी कि 8 साल बाद यह स्पेस स्टेशन काम करना बंद कर देगा. 2030 में अंतरिक्ष यात्री यहां से रवाना होंगे और 2031 तक इसे प्रशांत महासागर के सुदूर निर्जन इलाके में छोड़ दिया जाएगा. आपको बता दें, इस स्पेस स्टेशन को साल 1998 में लॉन्च किया गया था, जो तब से अब तक पृथ्वी के 16 चक्कर लगा चुका है. इसकी गति एक सेकंड में 7.66 किलोमीटर है यानी 27,600 किलोमीटर प्रति घंटा की गति. इसके वजन की बात करें तो इसका वजन 4.44 लाख किलोग्राम है, जिसकी चौड़ाई 357.5 फीट और लंबाई 239.4 फीट है.
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