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आज यानी 09 मई 2022 सोमवार को मां बगलामुखी जयंती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी को देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस माना जाता है. इस दिन विधि विधान से देवी बगलामुखी की पूजा की जाती है. मां बगलामुखी देवी दुर्गा का अवतार हैं.
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बाधा से मुक्ति दिलाती है बगलामुखी
आपको बता दें कि, माता बगलमुखी की अराधना करने से सभी तरह की बाधा और संकट दूर हो जाता है. इसके साथ ही शुत्रओं पर भी विजय मिलती है. माता बगलामुखी की उपासना शत्रुनाश, वाक-सिद्धि, वाद-विवाद में विजय के लिए की जाती है. यही कारण है कि माता बगलामुखी को सत्ता की देवी भी कहा जाता है. शत्रुनाशिनी देवी मां बगलामुखी देवी की साधना-उपासना से सभी तरह की परेशानियां दूर होती हैं. मां की उपासना करने से मुकदमों में फंसे लोग, जमीनी विवाद, शत्रुनाश आदि संपूर्ण मनोरथों की प्राप्ति होती है. वहीं जीवन से हर प्रकार की बाधा से भी मुक्ति मिल जाती है.
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बगलामुखी पूजा विधि
बगलामुखी जयंती के दिन प्रात: काल स्नान करें और साफ-सुथरा कपड़ा पहन लें. संभव हो तो इस दिन पीले रंग का वस्त्र धारण करें. इसके बाद मां बगलामुखी की पूजा प्रारंभ करें. पूजा करते समय मुंह पूर्व दिशा की तरफ रखें. मां बगलामुखी की पूजा के लिए चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और मां को पीले रंग का फूल, फल और मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद माता बगलामुखी की चालीसा पढ़ें और फिर आरती करें. शाम के समय मां बगलामुखी की कथा का पाठ करें. मां बगलामुखी जयंती पर व्रत करने वाले भक्त शाम के समय फल खा सकते है.
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