सूर्य ग्रहण का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है. सूर्य ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. आज सूर्य ग्रहण के साथ ही शनि अमावस्या भी है. इसलिए इस ग्रहण कई शुभ संयोग बने है.
आज साल का पहला सूर्य ग्रहण लग गया है. साथ ही शनि अमावस्या भी है. सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते है. पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलय सूर्य ग्रहण. यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण है. जोकि अब खत्म हो चुका है.
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आंशिक सूर्य ग्रहण
आपको बता दें कि, हिंदू पंचांग के अनुसार यह ग्रहण वैशाख अमावस्या की तिथि पर मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगा है. मिली जानकारी के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण आंशिक होने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा, ऐसे में भारत में इसका सूतककाल मान्य नहीं होगा. सूतक काल मान्य नहीं होने के कारण किसी भी तरह धार्मिक कार्यों में कोई भी रुकावटें नहीं रहेगी. भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू हो गया है, यह सुबह 4 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. इस सूर्य ग्रहण के बाद दूसरा सूर्य ग्रहण इस साल 25 अक्तूबर को लगेगा.
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अमावस्या का संयोग
आज से पहले वैशाख महीने में तीन साल पहले 2019 में शनि अमावस्या का संयोग बना था और अब 14 साल बाद 2036 में ऐसा संयोग बनेगा. वहीं अमावस्या के दिन पितरों के लिए श्राद्ध कर्म भी किए जाते है. इससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वे अपने परिवार और सगे संबंधी को सुखमय जीवन का आशीर्वाद देते है.