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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है, भाजपा पर आरोप लगाते हुए सिसोदिया ने कहा है कि, 'मुझे गिरफ्तार करने के लिए मेरे खिलाफ गलत तरीके से केस बनाने के लिए एक सीबीआई अफसर पर दबाव बनाया जा रहा था. लेकिन सीबीआई अफसर ने ऐसा करने से मना कर दिया और आत्महत्या कर ली'.
दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा है कि, जानकारी मिली है कि जितेन्द्र कुमार एंटी करप्शन बांच के लीगल एडवाइजर थे जिन्होंने आत्महत्या कर ली. इस खबर को मीडिया में भी पूरी तरह दिखाया गया है. सिसोदिया के मुताबिक शराब नीति मामले में जो एफआईआर दर्ज कराई गई. उस एफआईआर का पूरा लीगल मामला जितेंन्द्र कुमार ही देख रहे थे. सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए दावा किया है कि जितेंन्द्र कुमार के ऊपर दबाव बनाया जा रहा था कि वह मेरे ऊपर गलत तरीके से केस बनाए ताकि मुझे गिरफ्तार किया जा सके.
डिप्टी सीएम का कहना है कि जितेंन्द्र के ऊपर मेरे खिलाफ केस बनाने के लिए इतना दबाव डाला जा रहा था कि वह मानसिक दबाव में आ गए और उन्होंने आत्महत्या कर ली. सिसोदिया ने परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि, 'यह घटना बहुत ही दुखद है. सीबीआई अधिकारी पर गलत काम करने के लिए दबाव बनाया गया जिसकी वजह से वह सुसाइड करने के लिए मजबूर हो गए.
मनीष सिसोदिया ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी से मैं कहना चाहता हूं कि अगर आप मुझे फर्जी तरीके से फंसाना चाहते हैं तो फंसा लीजिए. मेरे घर पर रेड करा लीजिए. मुझे कोई दिक्कत नही है. लेकिन अधिकारियों पर गलत काम करने के लिए इस तरह से दबाव डालकर उनको आत्महत्या के लिए मजबूर करना ठीक नहीं है. ऐसा करने से उनका घर उजड़ रहा है. आप हमेशा यही सोचते है कि जांच एजेंसी, सीबीआई, ईडी का इस्तेमाल कैसे करुं कि चुनी हुई सरकार को कैसे गिरा सकूं'.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं मोदी जी से सिर्फ तीन सवाल पूछना चाहता हूं.
1.जनता की चुनी हुई सरकार को कुचलने के लिए आप कितनी कुर्बानियां लेंगे?
2.अधिकारीयों पर इतना दबाव क्यों बनाया जा रहा है कि वह सुसाइड करने के लिए मजबूर हैं?
3.क्या अब केवल केन्द्र सरकार का काम ऑपरेशन लोटस चलाना ही रह गया है?
बीजेपी के स्टिंग पर सिसोदिया का जवाब
BJP के स्टिंग पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा काफी दिनों से कह रही है कि घपला हो गया है. कभी कहती हैं कि 800 करोड़, कभी 1300 करोड़, कभी 500 करोड़, कभी 144 करोड़ तो कभी 30 करोड की बात करती है. फिर सीबीआई से एफआईआर कराई तो सीबीआई ने ढूंढ-ढूंढकर दो कंपनी के बीच में हो रही व्हाइट डीलिंग को जबरदस्ती मेरे ऊपर थोपने की कोशिश की. मेरे घर पर छापा मारी गई, घर पर रेड डाली गई. लेकिन उसमें कुछ नहीं मिला. मेरे परिवार का बैंक लॉकर की तालाशी की गई. उसमें भी कुछ नहीं मिला. अब जब सीबीआई से क्लीनचिट मिल गई कि इनके पास तो कुछ मिला. फिर बीजेपी कह रही है कि देखो सीबीआई नही ढूंढ पाई हम स्टिंग कर देंगे. उसके बाद किसी चौराहे पर खड़े होकर किसी को गाड़ी में बैठाकर कुछ करते हैं. उससे सवाल जवाब करते हैं . क्या यह कोई स्टिंग है? यह तो मजाक है. ऐसे स्टिंग तो हमारे पास भी हैं. मैं भी कल दे दूंगा. फिर आप उसको चलाना.
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