रमजान का महीना चांद के दीदार के साथ शुरु होता है. साल 2021 में ये पवित्र महीना 13 या 14 अप्रैल से शुरु हो जाएगा. ऐसे में रमजान के दौरान इन चीजों का खास ख्याल रखने की जरुरत है.
माह- ए- रमजान मुस्लिमों के लिए इबादत का महीना होता है. वही रमजान का महीना चांद के दीदार के साथ शुरु होता है. साल 2021 में ये पवित्र महीना 13 या 14 अप्रैल से शुरु हो जाएगा. पहला रोजा 14 घंटे 8 मिनट का होने की संभावना है. रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते है. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत की जाती है. इन दिनों नमाज पढ़ने का विशेष महत्व माना जाता है. मुस्लिम धर्म मानने वाले हर ऐसे व्यस्क शख्स के लिए रोजे रखना अनिवार्य है जो बिना कुछ भी खाए-पीए सुरक्षित रह सकता है, लेकिन ऐसे वक्त में जबकि हम एक महामारी के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे रोजे रखने के दौरान सेहत का खास ख्याल रखने की जरुरत हैं.
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रमजान में रोजे के दौरान रखे खाने का खास ख्याल
रमजान का महीना 29 और 30 दिन का होता है. इस महीने में रोजा रखने वालों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना होता है. क्योंकि दिनभर पानी ना पीने के चलते आपको डिहाइड्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में रमजान के दौरान इन चीजों का खास ख्याल रखने की जरुरत है.
सहरी में पीएं दूध- दिनभर तरोताजा रहने के लिए सहरी में दूध का सेवन करें. इससे आपका शरीर हाइड्रेटेड रहेगा और आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी.
ज्यादा नमक वाला खाना खाने से बचें- इस दौरान ज्यादा तला-भुना खाने से बचें. इससे पाचन बिगड़ सकता है. साथ ही ऐसा खाना खाएं जो जल्दी पच जाए. इसके अलावा इफ्तार या सहरी में ज्यादा नमक वाली चीजें खाने से परहेज करें.
मौसमी फल खाएं- रमजान में गर्मी से बचने के लिए तरबूज, नरियल, खरबूजा, अनानास और आम को शामिल करें.
ज्यादा मीठा ना खाएं- इफ्तार में ज्यादा मीठा खाने से बचें क्योंकि इससे आपके सिर में दर्द भी हो सकता है. इस दौरान दूध और इससे बनी चीजें खाए और रोटी या दलिया खा सकते हैं.
रमजान में सहरी और इफ्तार का समय
14 अप्रैल- सहरी सुबह 4:13 बजे – इफ्तार शाम 6:21 बजे
15 अप्रैल- सहरी सुबह 4:12 बजे – इफ्तार शाम 6:21 बजे
16 अप्रैल- सहरी सुबह 4:11 बजे – इफ्तार शाम 6:22 बजे
17 अप्रैल- सहरी सुबह 4:10 बजे – इफ्तार शाम 6:22 बजे
18 अप्रैल- सहरी सुबह 4:09 बजे – इफ्तार शाम 6:23 बजे
19 अप्रैल- सहरी सुबह 4:07 बजे – इफ्तार शाम 6:23 बजे
20 अप्रैल – सहरी सुबह 4:06 बजे – इफ्तार शाम 6:24 बजे
21 अप्रैल- सहरी सुबह 4:05 बजे – इफ्तार शाम 6:24 बजे
22 अप्रैल- सहरी सुबह 4:04 बजे – इफ्तार शाम 6:25 बजे
23 अप्रैल- सहरी सुबह 4:03 बजे – इफ्तार शाम 6:25 बजे
24 अप्रैल- सहरी सुबह 4:02 बजे – इफ्तार शाम 6:26 बजे
25 अप्रैल- सहरी सुबह 4:01 बजे – इफ्तार शाम 6:26 बजे
26 अप्रैल- सहरी सुबह 4:00 बजे – इफ्तार शाम 6:27 बजे
27 अप्रैल- सहरी सुबह 3:59 बजे – इफ्तार शाम 6:28 बजे
28 अप्रैल- सहरी सुबह 3:58 बजे – इफ्तार शाम 6:28 बजे
29 अप्रैल- सहरी सुबह 3:57 बजे – इफ्तार शाम 6:29 बजे
30 अप्रैल- सहरी सुबह 3:56 बजे – इफ्तार शाम 6:29 बजे
1 मई 2021- सुबह 3:55 बजे-इफ्तार शाम 6:30
2मई 2021- सहरी सुबह 3:54 बजे-इफ्तार शाम 6:30
3 मई 2021- सहरी सुबह 3:53 बजे-इफ्तार शाम 6:31
4 मई 2021- सहरी सुबह 3:52 बजे-इफ्तार शाम 6:31
5 मई 2021- सहरी सुबह 3:50 बजे-इफ्तार शाम 6:32
6 मई 2021- सहरी सुबह 3:50 बजे-इफ्तार शाम 6:32
7 मई 2021- सहरी सुबह 3:49 बजे-इफ्तार शाम 6:33
8 मई 2021- सहरी सुबह 3:48 बजे-इफ्तार शाम 6:34
9 मई 2021- सहरी सुबह 3:47 बजे-इफ्तार शाम 6:34
10 मई 2021-सहरी सुबह 3:46 बजे-इफ्तार शाम 6:35
11 मई 2021- सहरी सुबह 3:45 बजे-इफ्तार शाम 6:35
12 मई 2021- सहरी सुबह 3:44 बजे-इफ्तार शाम 6:36
13 मई 2021- सहरी सुबह 3:44 बजे-इफ्तार शाम 6:36
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कोविड नियमों का पालन करने की गई अपील
कोरोना काल में रमजान को लेकर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बयान जारी किया है. रशीद फरंगी ने रमजान के दौरान कोविड नियमों का पालन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों और नाइट कर्फ्यू को देखते हुए ही कार्यक्रम किये जाए. उन्होंने कहा कि सभी मस्जिदों में कोरोना नियमों का पालन किया जाए. साथ ही किसी भी मस्जिद में 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा ना हो.
नाइट कर्फ्यू का ध्यान रखते हुए सही वक्त में ईशा की नमाज पढ़ाई जाए. इशा की नमाज के बाद तरावीह पढाई जाए. उन्होंने कहा कि किसी भी मस्जिद में डेढ़ पारे से ज्यादा न पढ़ा जाए. इसके अलावा किसी भी मस्जिद में एक वक्त में 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा न हो. इफ्तार में भी एक वक्त में 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा न हो.
कोरोना के खत्मे की करें दुआ
कोरोना काल के समय मस्जिदों में मास्क, सेनिटाइज़ेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. सहरी में लाउड स्पीकर का इस्तेमाल न करें. सहरी और इफ्तार में लोग कोरोना के खात्मे की दुआ करें.