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मधुमक्खी का शहद जितना मीठा होता है उसका डंक उतना ही घातक. मधुमक्खी जो हमें शहद देती है, जो फूलों पर मंडराती है वो डंक मारने के बाद खुद मर जाती है, हैं न अजीब बात. मधुमक्खी, ततैया ऐसे कीड़े हैं जिसका डंक लगभग हर मनुष्य ने झेला है. इन शब्दों को पढ़ते ही पुराना दर्द याद आ जाएगा. इनके डंक मारने से सूजन, भयकर दर्द होता है. जो लोग कहते हैं कि ब्रेकअप सबसे दर्दनाक होता है उन्हें या तो ततैया और मधुमक्खी ने शायद काटा नहीं होगा फिर वो दर्द भूल गये हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि मधुमक्खी किसी इंसान को डंक मारने के बाद मर जाती है.
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जानिए मधुमक्खी डंक मरने के बाद क्यों मर जाती है?
दरअसल जब मधुमक्खी मारती है तो उसका डंक (डंक मरने वाला हिस्सा) टूट जाता है क्योंकि वह अपने डंक को वापस नहीं खींच पाती है और इस चक्कर में न केवल उसका डंक टूट जाता है, बल्कि उसकी आंत, पाचन तंत्र और मांसपेशियों को भी नुकसान होता है, या फिर टूटकर बाहर आ जाती है और इसी कारण मधुमक्खी डंक मरने के बाद मर जाती है.
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इसलिए अगर आपको मधुमक्खी काटे तो सबसे पहले उसका डंक अगर छुट गया हो तो निकालकर नष्ट कर दे ताकि आपको ज्यादा परेशानी न हो. मधुमक्खी ऐसे ही नहीं किसी को काट लेती है बल्कि अगर उसके शहद के छत्ते पर किसी प्रकार का अगर खतरा महसूस होता है तो ही वो काटती है या फिर अगर आपको उसको अच्छे से हैंडल नहीं करे तो भी वो काट लेती है.
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