Story Content
हिंदू धर्म में नवरात्रि के 9 दिन तक माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस 9 दिन भक्तिमय माहौल बना रहता है और भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने में लीन होते हैं। बता दें कि, साल भर में चार नवरात्रि आती है जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि एक शारदीय नवरात्रि और एक चैत्र नवरात्रि होती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है और नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापित किया जाता है, इसके बाद 9 दिनों का व्रत संकल्प लिया जाता है।
तीस साल बाद बना अमृत सिद्ध योग
धार्मिक मान्यता के अनुसार, नक्षत्र में सबसे महत्वपूर्ण और पहले नक्षत्र अश्विनी नक्षत्र है। ऐसे में जब मंगलवार को अश्वनी नक्षत्र होता है, तो वह अमृत सिद्धि योग कहलाता है। इस तरह से चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मंगलवार पड़ रहा है और अश्वनी नक्षत्र का योग भी बन रहा है, इसके अलावा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भी इसी दिन है। इस तरह से देखा जाए तो पूरे 30 साल बाद भक्तों के लिए गजब का संयोग बन रहा है।
कब करें उपासना ?
अधिक जानकारी के लिए बता दें कि, आर्थवेद में यह बताया गया है कि गुड़ी पड़वा के दिन अश्विनी नक्षत्र लग जाता है और इसकी समाप्ति होने तक देवी की आराधना करने से कष्टों का निवारण होता है।
क्या है नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि के 9 दिन माता की जागृत नव रूपों की पूजा की जाती है, इन नौ दिनों में मां की विधिवत पूजा-अर्चना करने के साथ साधक व्रत भी रखते हैं। जो भक्त नवरात्रि के नौ दिनों माता की उपासना करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है घर में शांति बनी रहती है।
Comments
Add a Comment:
No comments available.