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ब्लैक फंगस के बाद अब एक और फंगस अटैक ने देश में चिंता बढ़ा दी है. यह एस्पेरगिलिस है. ब्लैक फंगस की तरह यह भी कोरोनावायरस के मरीजों पर हमला कर रहा है. यह संक्रमण उन मरीजों में हो रहा है जो या तो कोरोना पॉजिटिव हैं या फिर कोरोना से ठीक हो चुके हैं. गुजरात के वडोदरा में एस्पेरगिलिस के 8 मामले मिले हैं. इसके अलावा कुछ ऐसे मरीजों का इलाज मुंबई और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में चल रहा है. एस्पेरगिलिस क्या है और इसके लक्षण क्या हैं? इस फंगस के हमले का खतरा किसे है? आइए इन सभी सवालों के जवाब आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं.
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एस्पेरगिलिस क्या है?
इस प्रकार का फंगस आपके घर में या उसके आसपास रहता है. वे आमतौर पर मृत पत्तियों और सड़ी हुई चीजों पर उगते है. वैसे तो यह फंगस हमारी सांसों के जरिए हमारे शरीर के अंदर चला जाता है, लेकिन हम जल्दी बीमार नहीं पड़ते. यह फंगस उन लोगों को ज्यादा पसंद आता है जिनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर होती है. खासकर इन दिनों कोरोना मरीजों का खतरा काफी बढ़ गया है.
-आमतौर पर ये संक्रमण कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. अमेरिकन हेल्थ बॉडी के अनुसार, यह उन लोगों में फैलता है जिन्हें अस्थमा है।
- क्रोनिक पल्मोनरी एस्परगिलोसिस आमतौर पर तपेदिक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), या सारकॉइडोसिस सहित अन्य फेफड़ों की बीमारियों वाले लोगों में होता है.
- जिनका स्टेम सेल ट्रांसप्लांट या अंग ट्रांसप्लांट हुआ है। कैंसर के लिए कीमोथेरेपी लेने वाले मरीज.
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लक्षण क्या हैं?
- बहती नाक
- सिरदर्द,
- कम सूंघने की क्षमता
- खून खांसी
- सांस की तकलीफ
- वजन कम
- थकान
विशेषज्ञों का मानना है कि यह काले फंगल संक्रमण से कम खतरनाक नहीं है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. डॉक्टर इसे सफेद फंगस का एक रूप मानते हैं. यह ब्लैक एंड व्हाइट फंगस से थोड़ा कम खतरनाक होता है.
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