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क्या आपको पता है भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जहां पुरुषों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। अगर है भी तो कुछ खास दिनों में ही। आइए हम आपको ऐसे ही कुछ चित्रों के बारे में बताने जा रहे हैं
1. कन्याकुमारी में कुमारी अम्मन मंदिर
कन्याकुमारी में स्थित है कुमारी अम्मन मंदिर के गर्भगृह में मां भगवती दुर्गा की प्रतिमा है। यहां ब्रह्मचारियों और संतों को केवल मंदिर के द्वार तक जाने की अनुमति है। जबकि पिछड़ा वर्ग के पुरुषों को मंदिर परिसर में प्रवेश से रोक दिया जाता है। इस मंदिर के बारे में यह बात प्रमाणित है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी। मंदिर में केवल महिलाएं ही जा सकती हैं। यहां होती है भगवती के कन्या रूप की पूजा।
2. राजस्थान में ब्रह्माजी का मंदिर
ब्रह्मा मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। भगवान ब्रह्मा का यह मंदिर पूरे भारत में विशेष रूप से जाना जाता है। यह मंदिर 14वीं शताब्दी में बनाया गया था। यहां पर समलैंगिक पुरुषों का आना बिल्कुल मना है। ऐसी मान्यता है कि देवी सरस्वती के श्राप के कारण यहां कोई भी पितृ पुरुष नहीं जा सकता। इसलिए पुरुष विशेष रूप से माता-पिता से ही हाथ जोड़ते हैं और महिलाएँ अंदर ग्राहक पूजा करती हैं।
3. आंध्र प्रदेश का कामाख्या देवी मंदिर
यह माता की शक्तिपीठ में से एक मानी जाती है। सिद्ध है कि यहां माता सती का गर्भ और योनि गिरी थी। यहां मातारानी को तीन दिन तक होटल मिलते हैं। माता के माहवारी उत्सव के दौरान इस मंदिर में पुरुषों का जाना प्रतिबंधित है। इस दौरान सिर्फ महिला पुजारी ही माता की पूजा करती हैं। ये अनोखा मंदिर है जहां महिलाएं कोठरियां भी कभी-कभार जाया करती हैं।
4. कॉटनकुलंगरा मंदिर
कन्याकुमारी स्थित इस मंदिर में होती है मां भगवती की पूजा। माना जाता है कि इस स्थान पर सती माता की रीढ़ की हड्डी गिरी थी। इस मंदिर में केवल महिलाओं और किन्नरों को ही पूजा करने का अधिकार है। पुरुषों का मंदिर में अनाउंसमेंट है। यदि कोई पुरुष मंदिर में आना चाहता है तो उसे महिलाओं की तरह सेल श्रंगार करके आना चाहिए।
5. जोधपुर का संतोषी माता मंदिर
संतोषी माता का व्रत और पूजन ज्यादातर महिलाएं ही करती हैं। इसके अनुरूप नियमों का पालन करना आवश्यक है। हालाँकि संतोषी माता की पूजा तो कोई भी कर सकता है, लेकिन जोधपुर में शुक्रवार के दिन संतोषी माता के किसी भी मंदिर में पुरुषों का जाना और पूजा करना प्रतिबन्धित होता है।
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