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WHO ने अभी तक नए वेरिएंट B.1.640.2 पर शोध शुरू नहीं किया है. हालांकि, फ्रांस के वैज्ञानिकों का दावा है कि नए संस्करण में कई आनुवंशिक परिवर्तन देखे गए हैं.
फ्रांस में मिला कोरोना का नया रूप
किसी भी वायरस की गंभीरता उसमें होने वाले म्यूटेशन के आधार पर तय की जाती है और फ्रांस में मिले कोरोना के नए वेरिएंट में 46 म्यूटेशन देखे गए हैं. इससे एक बात तो साफ है कि ये नया वेरिएंट काफी खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि इस पर अभी शोध होना बाकी है. प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला है कि इस नए संस्करण में वर्तमान में उच्च संक्रमण दर नहीं है. वैज्ञानिक चिंतित हैं कि नया संस्करण फ्रांस की सीमा के बाहर ब्रिटेन में प्रवेश कर सकता है. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
अब तक मिले वेरिएंट से बहुत अलग B.1.640.2.
कोरोना के अब तक जितने भी रूप सामने आए हैं. यह संस्करण उन सभी से काफी अलग है क्योंकि वैज्ञानिकों को अभी तक B.1.640.2 में कुछ भी नहीं मिला है. इस प्रकार में असामान्य संयोजन देखे गए हैं, वैज्ञानिकों का कहना है कि नया संस्करण कई अनुवांशिक परिवर्तन दिखाता है. भूमध्यसागरीय संक्रमण विश्वविद्यालय अस्पताल संस्थान द्वारा इसकी खोज की गई है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अभी तक इस नए संस्करण पर कोई जांच शुरू नहीं की गई है.
एक माह पहले सामने आया था मामला
कोरोना के इस नए रूप का पहला मामला नवंबर में सामने आया था, लेकिन अब इसने दुनिया भर के वैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. दावा किया जा रहा है कि इस नए वैरिएंट से पहले व्यक्ति को पूरी तरह से टीका लगाया गया था. नवंबर में, वह कैमरून की तीन दिवसीय यात्रा के बाद फ्रांस लौट आए. यहां उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई, जिसके बाद उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया. वैज्ञानिकों ने जब इस वेरिएंट पर शोध किया तो नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया.
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