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देश के लिए साल 2020 बहुत ही उथल-पुथल भरा साल रहा है। देश में पहले ही कोरोनावायरस के कारण सरकार परेशान है लम्बे लॉकडाउन के बाद भी इस महामारी पर लगाम नहीं लग सका। जहां एक तरफ सरकार पहले ही इस परेशानी का हल ढूंढ़ने में लगी हुई है उसी बीच किसानों ने आंदोलन छेढ़ दिया। बता दें कि ये आंदोलन सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि बिल के खिलाफ किया गया है। पिछले कई दिनों से ये आंदोलन लगातार जारी है और इसे शांत करने के लिए कई बार बातचीत हो चुकी है हालांकि कोई निर्णय नहीं निकल सका। जिसके बाद किसानों ने 8 दिसंबर के दिन भारत बंद का आवाहन किया। हालांकि उसके बाद भी जब कोई हल नहीं निकल सका तो किसानों ने बबाल जारी रखा और अब किसानों ने 12 से लेकर 14 दिसंबर तक बड़ा प्रदर्शन करने ऐलान कर दिया है।
जहां एक तरफ किसान अपनी बात मनवाने के लिए हर हद पार करने को तैयार हैं तो वहीं पुलिस भी कहीं पीछे हटने को राज़ी नहीं है। जिसके चलते एक वीडियो भी तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमे पी.साईनाथ कुछ कानूनों के बारे में ज़िक्र करते नज़र आ रहे हैं। उन्होंने इस प्रोटेस्ट से संबंधित कुछ कानूनों के बारे में जानकारी दी। उनके मुताबिक किसानों द्वारा किए जा रहे इस प्रदर्शन के खिलाफ कोई भी एक्शन इस लोकतंत्र में लेना सरासर गलत है। भारत एक लोकतान्त्रिक देश है जिसमे हर किसी को अपनी आवाज़ उठाने का अधिकार है तो इसलिए किसानों द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन सही है और कोई भी सरकार, ऑफिसर आदि इसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठा सकते।
केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कोई नियम या कानून सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा ही बदला जा सकता है। लेकिन अगर वो जनता को पसंद नहीं आ रहा है चाहें वो किसी के हित में ही क्यों न हो तो जनता उसके खिलाफ आवाज उठाने का पूरा अधिकार रखती है। हालांकि सरकार जनता को समझाने या मानने की पूरी कोशिश कर सकती है।
कृषक उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अधिनियम, 2020 की धारा 13 के तहत “कोई भी मुकदमा, अभियोजन या अन्य कानूनी कार्यवाही केंद्र सरकार या राज्य सरकार, या केंद्र सरकार या राज्य सरकार के किसी अधिकारी या किसी अन्य व्यक्ति के संबंध में नहीं होगी जो किसी भी चीज के संबंध में विश्वास दिलाए कि ये अच्छा है या किया जाना है। इस अधिनियम या किसी नियम या आदेश के तहत किया गया। "
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