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उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है
उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने सचिवालय में कैबिनेट की बैठक से बाहर निकलकर नाटकीय अंदाज में राज्य के मंत्रिपरिषद से इस्तीफे की घोषणा की. इस कहानी को प्रकाशित करते समय श्री हरक सिंह रावत ने लिखित में अपना इस्तीफा नहीं दिया था. हालांकि, उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह इस बात से नाराज हैं कि वर्षों तक उनकी पैरवी के बावजूद, राज्य सरकार ने कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए अपने पैर खींच लिए थे. उन्होंने कहा कि भाजपा में उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया है.
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श्री हरक सिंह रावत 2016 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए और उनके अपनी पूर्व पार्टी में लौटने की उम्मीद है. सूत्रों ने बताया कि हरक सिंह रावत के साथ कांग्रेस छोड़ चुके भाजपा के एक अन्य विधायक उमेश शर्मा काऊ भी पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके विरोध करने वाले गुटों के बीच राज्य कांग्रेस के भीतर मतभेद उभरने के बाद, यह भाजपा के लिए एक उलटफेर है, जो उत्तराखंड में अपनी संभावनाओं के बारे में अधिक आशावादी थी, जो कि 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव कराने के लिए है.
भाजपा ने राज्य में एक साल में तीन मुख्यमंत्रियों को सत्ता-विरोधी मुद्दों को हल करने की कोशिश में बदल दिया है. कांग्रेस के सूत्रों ने सुझाव दिया कि श्री हरक सिंह रावत और श्री काऊ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं क्योंकि वे पिछले कुछ दिनों में पार्टी नेता प्रीतम सिंह के संपर्क में हैं.
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