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उत्तर प्रदेश के बलिया गोलीकांड में एक नया मोड़ देखने को मिला है मृतक के भाई द्वारा पुलिस पर ऐसे कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी। उनका कहना है कि धीरेंद्र प्रताप और उसके लोग पत्थरबाजी और फायरिंग करने में लगे हुए थे उस वक्त पुलिस उन्हें बचा रही थी। वहीं, जो मृतक पक्ष के लोग है उनका समर्थन करने के बजाए उनके साथ गलत तरीके से पेश आ रही थी। इतना ही नहीं पुलिस ने पहले आऱोपी को पकड़ लिया लेकिन बाद में उसे भीड़ में छोड़ दिया था।
इस घटना ने एक बार फिर से यूपी पुलिस को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। सभी के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर यूपी पुलिस किस तरह से देश और वहां के लोगों की रक्षा कर रही है। आइए आपको बताते हैं कि सीएम योगी ने इस मामले में अबतक क्या सख्त एक्शन लिया है और किस तरह से इस गोलीकांड को अंजाम दिया गया है।
सीएम योगी का दिखा सख्त रवैया
इस गोलीकांड के प्रति सख्त रवैया दिखाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर अपनी नजर बनाए रखते हुए उस घटना के वक्त मौजूद एसडीएम सुरेश कुमार पाल, सीओ चंद्रकेश सिंह के साथ मौजूद सभी पुलिस वालों को सस्पेंड करने का सख्त कदम उठाया। वहीं, इस केस में अब डीएम श्रीहरि प्रताप शाही कार्रवाई करते हुए नजर आएंगे। वहीं, सीएम ने भी आरोपी के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
क्या है बलिया गोलीकांड
दरअसल बलिया गोलीकांड में गुरुवार के दिन बैरिया थाना क्षेत्र में दुर्जनपुर में कोटे की जो दुकाने हैं उनके आवंटन की बैठक में मारपीट हुई और उसमें गोली चल गई। इस घटना में जयप्रकाश पाल नाम के एक आदमी की जान चली गई। इस पूरी घटना को तब अंजाम दिया गया जब वहां सीओ और एसडीएम भी मौजूद थे। इस पूरे हत्याकांड का आरोप बीजेपी के नेता धीरेंद्र सिंह पर लगाया गया है जोकि गोली चलाने के बाद मची भगदड़ में फरारा हो गया। इस गोलीकांड में आधा दर्जन लोग भी घायल हो गए हैं।
डीआईजी ने की परिजनों से मुलाकात
डीआईजी सुभाष चंद्र की माने तो शख्स की मौत लाइसेंसी रिवॉल्वर के साथ की गई है। वहीं, पुलिस द्वारा की गई लापरवाही पर सख्त एक्शन किया जाएगा। इसके अलावा इस मामले में डीआईजी ने घटना वाली जगह का जायजा लिया और मृतक के परिजनों से भी बात की।
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