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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने USAID (United States Agency for International Development) पर की 90% से अधिक कटौती करने का निर्णय लिया है। बता दें कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार आने के बाद से अमेरिकी अंतरारष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) को लेकर कई फैसले लिए गए हैं। बता दें कि USAID का उद्देश्य आपदा से उबारने या किसी देश की गरीबी को बाहर निकालने और लोकतांत्रिक सुधारों में सहायता प्रदान करती है।
क्या होगा इस फैसले का असर?
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले का असर विश्व स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के कार्यक्रामों पर पड़ेगा। अमेरिका USAID के इस फैसले से दुनिया भर में 60 अरब डॉलर की अमेरिकी सहायता को खत्म कर रहा है।
क्यों लिया गया ये फैसला?
ट्रंप ने 20 जनवरी को आदेश दिया कि 90 दिनों तक कार्यक्रम-दर की समीक्षा की जाएगी कि कौन से विदेशी सहायता कार्यक्रम जारी रखने योग्य हैं। USAID का कहना है कि अमेरिकी विदेशी सहायता अनुबंधों की समीक्षा करने के लिए तेजी से कदम उठाए हैं, ताकि उन्हें समाप्त किया जा सके। फंडिंग फ्रीज ने बुधवार रात तक कई विदेशों में हजारों अमेरिकी वित्त पोषित कार्यक्रमों को रोक दिया है।
अमेरिकी फर्स्ट नीति
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने यह फैसला विदेशी सहायता पर 90 दिनों के लिए रोक लगाने के बाद उठाया है,,ताकि इसकी समीक्षा की जाए। ट्रंप सरकार ये देखना चाहता है कि ये अनुदान अमेरिका फर्स्ट नीति के अनुरूप हैं। वहीं एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने प्रशासन को बुधवार रात तक कई विदेशी सहायता समूहों को रोके गए भुगतान को हटाने के लिए कहा था। बता दें कि अमेरिका फर्स्ट नीति अमेरिका को पहले रखने की मौलिक धारणा पर जोर देता है, जिसमें आम तौर पर वैश्विक मामलों की अनदेखी करना और संयुक्त राज्य अमेरिका में केवल घरेलू नीति पर ध्यान केंद्रित करना शामिल होता है।
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रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने UNAID के भीतर 4.4 बिलियन डॉलर के लगभग 4100 विदेशी सहायता अनुदानों
को रद्द करने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार 5,800 की सहायता को समाप्त करेंगी। 4.4 बिलियन
डॉलर की कटौती के लिए 9,100 स्टेट डिपार्टमेंट अनुदानों में
से 4,100 को समाप्त करने का फैसला किया जा रहा है।
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