उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद बीजेपी ने एक बार फिर जीत का झंडा लहराया है. विधानसभा में बहुमत के साथ ही अब भाजपा को विधान परिषद में भी बहुमत मिल गया है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद बीजेपी ने एक बार फिर जीत का झंडा लहराया है. विधानसभा में बहुमत के साथ ही अब भाजपा को विधान परिषद में भी बहुमत मिल गया है. राज्य में 40 साल बाद ऐसा हो रहा है, जब किसी पार्टी को विधान सभा और विधान परिषद दोनों में प्रचंड बहुमत मिला है.
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इससे पहले 1982 में कांग्रेस को दोनों सदनों में बहुमत मिला था. 9 अप्रैल को हुए चुनाव में बीजेपी ने 36 में से 24 सीटों पर जीत हासिल की थी. तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. अभी तक समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला है. बीजेपी उम्मीदवारों ने 9 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की.
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गौरतलब है कि बीजेपी उम्मीदवारों ने 9 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की थी. 27 सीटों के लिए नौ अप्रैल को वोटिंग हुई थी. मंगलवार को हो रही मतगणना में बीजेपी ने 27 में से 24 सीटों पर जीत हासिल की है. तीन सीटों पर निर्दलीयों ने जीत हासिल की है. समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला. आलम यह है कि सपा के गढ़ आजमगढ़ में भी पार्टी तीसरे स्थान पर रही है. यहां से बीजेपी से निकाले गए यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह रिशु निर्दलीय प्रत्याशी के आधार पर जीते हैं.