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यूक्रेन और रूस की जंग परमाणु युद्ध की कगार पर पहुंच रही है. अगर परमाणु युद्ध होता है तो इतना धुंआ निकलेगा कि धरती का तापमान तेजी से कम होने लगेगा. दुनिया की 10% जगहों पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंचेगी. जरा सोचिए क्या हो अगर सुबह जोरदार धमाका हो और पल में हज़ारों लोगो की मौत हो जाए. लोग बैठे रहें और उनकी चमड़ी जलकर गिरने लगे. चारों और सन्नाटा छा जाए और कुछ देर बाद रोते-बिलखते लोगों की आवाज गूंजने लगे.
तबाही की तरफ बढ़ रहा संसार
अगस्त 1945 में कुछ ऐसा ही हुआ था. जब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला किया था. इन जोरदार हमलों में हजारों लाखों लोगों की चंद मिनटों में मौत हो गई थी. उसके बाद भी सालों तक लोग मरते रहे. जापान परमाणु हमला झेल चुका है और उन हमलों में जो लोग बच गए थे, वो आज भी उस दिन को याद कर सहम उठते हैं. परमाणु युद्ध होने का मतलब है संसार का तबाह हो जाना और दुनिया का लगभग 18 साल पीछे हो जाना.
निर्णायक मोड़ पर पहुंची लड़ाई?
रूस-यूक्रेन की जंग में कई लोग अपनी जान गवा चुकें हैं, ये जंग धीरे-धीरे तबाही की ओर बढ़ती जा रही है हालांकि, लड़ाई अब लगभग निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. अमेरिका समेत पश्चिमी देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं. और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर कोई भी बाहरी बीच में आया तो वो अंजाम होगा जो पहले कभी नहीं देखा होगा. एक्सपर्ट पुतिन की इस चेतावनी को परमाणु युद्ध की धमकी से ही जोड़कर देख रहे हैं.
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