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भारत की वायुसेना का गठन 8 अक्टूबर 1932 को किया गया था। जिसके चलते हर साल 8 अक्टूबर यानि आज के दिन वायुसेना दिवस मनाया जाता है और आज 88वां वायुसेना दिवस है। वायुसेना दिवस के उपलक्ष्य में प्रधान मंत्री समेत कई लोगों ने दी बधाई। इस खास दिवस के मौके पर ग़ज़िआबाद के हिंडन एयरबेस पर बहुत ही धूमधाम से जश्न मनाया जा रहा है। बता दें कि वायुसेना दिवस पर खास परेड का आयोजन किया जाता है, साथ ही आज के दिन वायुसेना के विमान अपनी ताकत और शौर्य का प्रदर्शन करते हैं। इस वर्ष के वायुसेना दिवस की खास बात ये है कि परेड में कुछ दिन पहले ही भारत लाया गया राफेल किया गया है। आपको ये जानकर बहुत ही गर्व महसूस होगा कि भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। भारतीय वायुसेना का झंडा नीले रंग का होता है जिसके एक हिस्से में तिरंगा बना होता है इसके अलावा बीच में तिरंगे के तीनों रंगो का गोला बना होता है।
इस दिन क्या-क्या होता है खास? कब और किन परिस्थितियों में हुई थी वायुसेना की स्थापना? जानें इस खास रिपोर्ट में
- 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी स्थापना, हर साल इसी दिन मनाया जाता वायुसेना दिवस
- 1 अप्रैल, 1933 को इंडियन एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट ने भरी थी अपनी पहली उड़ान
- ब्रिटिश साम्राज्य की वायुसेना की एक इकाई के रूप में हुई थी भारतीय वायुसेना की स्थापना
- द्वितीय विश्व युद्ध के समय जोड़ा गया था रॉयल शब्द, लेकिन 1950 में इसे हटा दिया गया था
- भारत के स्वतंत्र होने के तीन साल बाद से इसे भारतीय वायुसेना के नाम से जाना जाता है
- भारतीय वायुसेना अबतक चार युद्ध में हो चुकी है शामिल, तीन पाकिस्तान के ख़िलाफ़, एक चीन के खिलाफ लड़ा गया
- 4 युद्धों के अलावा भारतीय वायुसेना ने किए कई बड़े ऑपरेशन
- ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन पूमलाई, बालाकोट एयर स्ट्राइक हैं शामिल
- भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना कार्यों में भी कर चुकी है सहयोग
- सेना के तीनों अंगों का एक आदर्श वाक्य होता है, इसलिए वायुसेना का आदर्श वाक्य है 'नभ: स्पृशं दीप्तम'
- 88वे दिवस पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना कर रही है प्रदर्शन
- सबसे ख़ास बात एयरफोर्स के बेड़े में राफेल भी किया गया शामिल
- राफेल के तुरंत बाद देशी विमान तेजस ने भी आसमान में दिखाई अपनी ताक़त
- चिनूक हेलिकॉप्टर, अपाचे हेलिकॉप्टर, ग्लोबमास्टर, सुखोई आदि भी हुए शामिल
- वायुसेना प्रमुख द्वारा वायुवीरों को दिया गया सम्मान, बालाकोट में एयरस्ट्राइक करने वाले जवान भी इसमें किए शामिल
- सेना की तीनों टुकड़ियों के प्रमुख के अलावा कई वरिष्ठ अफसर भी परेड स्थल पर पहुंचे
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