Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

इस साल महाशिवरात्रि होगी बेहद खास भगवान शिव के साथ शनि देव की होगी कृपा,149 साल बाद ऐसा महासंयोग

आपको बता दें कि इस साल महाशिवरात्रि पर 149 साल बाद महासंयोग बनाने जा रहा है। हमारे हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन इस बार महाशिवरात्रि और भी महत्वपूर्ण होने वाली है। इस साल भगवान शिव के साथ शनि देव, और शुक्र का भी सहयोग प्राप्त होगा।

Advertisement
Instafeed.org

By Nisha Bhisht | Faridabad, Haryana | खबरें - 22 February 2025

आपको बता दें कि इस साल महाशिवरात्रि पर 149 साल बाद महासंयोग बनाने जा रहा है। हमारे हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन इस बार महाशिवरात्रि और भी महत्वपूर्ण होने वाली है।  इस साल भगवान शिव के साथ शनि देव, और शुक्र का भी संयोग प्राप्त होगा।

जानें इस दुर्लभ संयोग के बारे में

ये इतना शुभ योग है कि इस दिन शिव की 4 प्रहर की पूजा करने से साधना आध्यात्मिक और धार्मिक उन्नति प्राप्त होती है। खासतौर पर इस दिन पूजा और उपासना करने से पराक्रम और प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए सूर्य- बुध के त्रियोग से बड़ा लाभ मिलता है।

 महाशिवरात्रि में क्या खास है इस बार?

इस बार सूर्य, बुध और शानि तीनों कुंभ राशि में त्रिग्रही बना रहें है। यानि तीनों इस साल कुंभ राशि में विराजमान रहेगें।

ग्रहों के दुर्लभ योग में शिव की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी ही पूरी हो सकती हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा आर्चना करने से कुंडली से जुड़े सभी ग्रहों के दोष खात्म हो जाते हैं। महाशिवरात्रि को महांकुभ का अमृतस्नान भी समापन होगा।

कौन से शुभ संयोग बनेगें, क्या लाभ मिलेगा इनसे

इस साल सूर्य, शनि, कुंभ राशि में रहेंगे। कुंभ शनि की राशि है। ऐसे में सूर्य अपने पुत्र के साथ शनि के घर में रहेंगे।

महाशिवरात्रि पर शुक्र अपनी उच्च राशि मीन और राहु के साथ रहेगा। जिसकी वजह से मालव्य योग बन रहा है।

महाशिवरात्रि पर ऐसा योग 149 साल बाद बना रहा है। इससे पहले 1873 में ऐसा महायोग बना था। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में महाशिवरात्रि 26 फरवरी को परिघ योग, शकुनी करण, धनिष्ठा और मकर राशि के चंद्रमा की उपस्थित में मनाई जाएगी।

सूर्य, शनि, बुध

महाशिवरात्रि का यह शुभ सयोग 2025 से पहले 1965 में बना था। सूर्य शनि के पिता है और सूर्य शनि की राशि कुंभ में रहेंगे। जब सभी ग्रह और नक्षत्र इस योग में रहते है तो इस समय की पूजा और अराधना बेहद फलदायी होती है।

 

Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.

Participate in Our Poll