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साउथ फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत( Rajinikanth) को फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान दादा साहेब फाल्केअवॉर्ड (Dadasaheb Phalke Award) से नवाजा जाएगा. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बात की जानकारी दी है. रजनीकांत बीते पांच दशक से सिनेमा पर राज कर रहे हैं. वही रजनीकांत से पहले बहुत से कलाकारों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है लेकिन, क्या आप जानते है कि दादा साहब फाल्के अवॉर्ड कौन थे और किस तरह से विजेता का चयन किया जाता है? तो चलिए जानते हैं...
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कौन थे दादा साहब फाल्के
दादा साहब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जन्मदाता कहा जाता है. उनका जन्म 30 अप्रैल 1870 को हुआ था.1913 में उन्होंने राजा हरिश्चंद्र के नाम की पहली फुल लेंथ फीचर बनाई थी. दादा साहेब न केवल एक निर्देशक थे बल्कि एक प्रसिद्ध निर्माता और स्क्रीन लेखक भी थे. उन्होंने 19 साल में अपने फिल्मी करियर में 95 फिल्में और 27 शॉर्ट फिल्में बनाईं लेकिन 'द लाइफ ऑफ क्रिस्ट' को उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है. भारतीय सिनेमा में दादासाहेब के ऐतिहासिक योगदान के कारण भारत सरकार ने उनके सम्मान में 1969 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार की स्थापना की थी. आपको बता दें कि दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च और प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है.
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कैसे चुना जाता है विजेता?
- हर साल एक कलाकार को इस पुरस्कार के लिए चुना जाता है. विजेता को एक स्वर्ण पदक, एक शॉल और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है.
- डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स द्वारा नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह में विजेता को इस पुरस्कार से नवाजा जाता है.
- यह पूरी प्रक्रिया केंद्र सरकार के सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय के अधीन आती है.
- पहला दादा साहब फाल्के पुरस्कार अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था. उन्हें 17 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. देविका रानी को भारतीय सिनेमा की पहली सुपरस्टार भी कहा जाता है.
- रजनीकांत को मिलाकर अब तक कुल 51 लोगों को यह सम्मान दिया जा चुका है.
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