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भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल भारत की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं. देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा में भारतीय सेना के साथ कई सुरक्षा बल करते हैं. जिनमें से एक होते हैं बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स. अगर हम सभी चैन से सो रहे हैं तो इसके पीछे है हमारी नौज़वान सेना. दिन-रात मेहनत करके हमारी रक्षा के लिए तत्पर रहने वाली सेना इसे अपना फ़र्ज मानती है.
बीएसएफ की स्थापना
1965 के युद्ध से पहले तक पाकिस्तान से लगी भारत की सीमाओं की रक्षा स्टेट आर्म्ड पुलिस बटालियन करती थी. 9 अप्रैल 1965 को सरदार चौकी, छार बेत और बेरिया बेत पर पाकिस्तान ने हमला कर दिया. हलांकि स्टेट रिजर्व्ड पुलिस और सीआरपीएफ ने पाकिस्तान की एक ब्रिगेड को सफलकापूर्वक पीछे धकेल दिया, लेकिन यह पता चला कि राज्य सशस्त्र पुलिस इस तरह के हमलों से निपटने में सक्षम नहीं थी और फिर उसे बीएसएफ जैसे संगठन की आवश्यकता महसूस हुई।
बीएसएफ की जिम्मेदारी
बीएसएफ की जिम्मेदारी भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निगरानी रखना, सीमा पर घुसपैठ जैसी वारदातों को रोकना है. बीएसएफ रेगिस्तान से लेकर बर्फीले इलाकों तक फैली सरहद की सुरक्षा करती है.
दुनिया की सबसे बड़ी फोर्स
देश में अपनी बेहतरीन सेवाएं देने वाली यह फोर्स आज दुनिया की सबसे बड़ी बॉर्डर फोर्स में से एक है. बीएसएफ के पास सेना की जल, वायु और थल के रुप में तीन विंग है.
महिला जवान भी करती हैं पेट्रोलिंग
बीएसएफ में महिला जवानों को भी शामिल किया गया है. वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बॉर्डर पर देश की रक्षा करती है. बता दें बीएसएफ में कुल 186 बटालियन है. करीब दो लाख से ज्यादा जवान दिन-रात सीमा की सुरक्षा करते हैं. हमें गर्व है अपने जवानों पर और उनके फौलादी इरादों पर जिसकी वजह से हम सभी आज खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं.
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