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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज नीतिगत प्रस्ताव की घोषणा की. एमपीसी ने बेंचमार्क ब्याज दर या रेपो दर पर 4% पर यथास्थिति बनाए रखी. यह लगातार दसवीं बार है जब दर अपरिवर्तित बनी हुई है. केंद्रीय बैंक ने पिछली बार 22 मई, 2020 को नीतिगत दर को एक ऑफ-पॉलिसी चक्र में संशोधित किया था ताकि ब्याज दर को ऐतिहासिक निम्न स्तर तक घटाकर मांग को बढ़ाया जा सके. भारत दुनिया के बाकी हिस्सों से वसूली का एक अलग कोर्स कर रहा है. आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में साल-दर-साल सबसे तेज गति से बढ़ने की ओर अग्रसर है. आरबीआई गवर्नर ने अपने एमपीसी संबोधन में कहा यह वसूली बड़े पैमाने पर टीकाकरण और निरंतर वित्तीय और मौद्रिक समर्थन द्वारा समर्थित है.
MPC Meet: ये हैं मुख्य पॉइंट्स
- एमपीसी ने बेंचमार्क पुनर्खरीद (रेपो) दर को 4 फीसदी पर रखने का फैसला किया है
- रिवर्स रेपो दर पर बैंकों को आरबीआई के पास रखी गई उनकी जमा राशि पर 3.35 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा
- चालू वित्त वर्ष के लिए आरबीआई ने अपने विकास अनुमान को 9.2 प्रतिशत और मुद्रास्फीति को 5.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा है
- E RUPI डिजिटल वाउचर की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की गई और बहु-उपयोग की अनुमति दी गई
- खुदरा महंगाई दिसंबर में बढ़कर पांच महीने के उच्च स्तर 5.59 फीसदी पर पहुंच गई, जो नवंबर में 4.91 फीसदी थी
- 14 दिनों की अवधि के वीआरआर और वीआरआरआर - मुख्य तरलता प्रबंधन उपकरण के रूप में काम करेंगे
E RUPI डिजिटल वाउचर की सीमा बढ़ाई गई
आरबीआई ने ई-रुपये वाउचर की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है. इन वाउचर का अब एक से अधिक बार उपयोग किया जा सकता है. ई-रुपये को पिछले साल एनपीसीआई द्वारा लॉन्च किया गया था.
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