एक कंपनी ऐसी भी है जो लाशों को पेड़ बना सकती है. उस कंपनी का कहना यह है कि ऐसा करने से समाज और प्रकृति के लिए अच्छा होगा. जानिए इसके बारे में यहां.
हर किसी धर्म की अपनी अलग परंपरा होती है. सभी के अपने रीति-रिवाज होते है वो चाहे त्योहार को लेकर हो या किसी के मरने को लेकर. सभी अपने हिसाब से उन कार्यों को बखूबी पूरा करता है. यही नहीं मरने के बाद शव को जला दिया जाता है. केवल हिंदु धर्म के अंतिम संस्कार को छोड़कर पूरे विश्व में शवों को दफनाया जाता है. लेकिन समय के बदलाव के साथ लोगों की सोच में भी काफी बदलाव आया है जिससे आज के समय में लोगों ने अपने शरीर या अंगों का दान करना शुरु कर दिया है लेकिन क्या आपको पता है कि एक कंपनी ऐसी भी है जो लाशों को पेड़ बना सकती है. उस कंपनी का कहना यह है कि ऐसा करने से समाज और प्रकृति के लिए अच्छा होगा.
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दरअसल यह अनोखा आइडिया 'कैप्सुला मुंडी' कंपनी का है. यह एक खास तरह के तालाब में मृत लोगों के शवों को पेड़ों में बदल देगा. इस पॉड का नाम ऑर्गेनिक दफन पॉड्स है. यह एक अंडाकार कैप्सूल कार्बनिक है. शव को कैप्सुला मुंडी के कैप्सूल में रखा गया है.जैसे स्त्री के गर्भ में पल रहा भ्रूण.
कंपनी जैविक दफन फली में रखे भ्रूण जैसे शरीर को बीज मानती है जिसके ऊपर एक पेड़ उगेगा. कैप्सुला मुंडी का कैप्सूल स्टार्च प्लास्टिक से बना होता है जो पूरी तरह से जमीन पर पिघल सकता है. इस फली के पिघलने से शरीर भी पिघल जाएगा. इससे शरीर के पिघलने से निकलने वाले तत्व पेड़ को बढ़ाने में मदद करेंगे. यह फायदेमंद होगा कि मृतक के करीबी हमेशा उस पेड़ के साथ अपने खोए हुए लोगों को याद कर सकेंगे.
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देखा जाए तो ये ऑर्गेनिक दफन पॉड्स ताबूत की जगह ले लेंगे. जो पूरी तरह से ऑर्गेनिक और डिग्रेडेबल होगा. यह ताबूत जल्द ही पिघल जाएगा. कंपनी का दावा है कि किसी भी पेड़ को उगने में कम से कम 10 साल लगते हैं. लेकिन उन्हें 1 हफ्ते में फली से पोषक तत्व मिलने शुरू हो जाएंगे. साथ ही कंपनी ने बताया कि अगर शव को जलाया जाता है तो वही राख और अवशेष छोटी-छोटी फली में गाड़े जा सकते हैं.