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रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव के बाद एक बार फिर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. जैसे-जैसे वैश्विक स्थिति सामने आती है, इतिहास लगभग 100 साल बाद खुद को दोहराता हुआ प्रतीत होता है. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी, जिसके जवाब में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे कई शक्तिशाली देश अब एकजुट हो गए हैं. ब्रिटेन जहां रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की वकालत कर रहा है, वहीं फ्रांस भी रूस को मुंहतोड़ जवाब देने के पक्ष में है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र रूस के फैसले को यूक्रेन की संप्रभुता और अखंडता का उल्लंघन मानता है.
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यदि रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष जारी रहता है और शांति वार्ता से कोई समाधान नहीं निकलता है, तो दुनिया एक बार फिर तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ सकती है. दरअसल, यूक्रेन की मदद के लिए कई पश्चिमी देश आगे आ सकते हैं. वहीं चीन रूस के समर्थन में खुलकर सामने आया है. रूस फिर कभी मजबूत अमेरिका नहीं चाहेगा.
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लगभग 100 साल पहले जब प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था तब स्पेनिश फ्लू ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था और आज भी स्थिति जस की तस है. दुनिया के तमाम देश कोरोना महामारी के संकट का सामना कर रहे हैं और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भी सभी मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी पर हमला बोल दिया था.
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