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सोमरस की जब भी चर्चा होती है तो हमारे दिमाग में देवलोक का दृश्य सामने आ जाता है, जहां पर भगवान इंद्र अप्सराओं के साथ इसका सेवन करते थे. कई लोग इसे शराब भी मान लेते हैं. इसके अलावा कुछ लोग तो इसे औषधी के तौर पर देखते हैं. इसके सेवन की ललक सभी लोगों के बीच देखने को मिलती है. इस चीज की छाप वैदिक काल से ही नजर आ रही है.
सोमरस के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको सबसे पहले निम्न श्लोक का मतलब जानना होगा-
अपाम सोममम्र्ता अभूमागन्म जयोतिरविदाम देवान |किं नूनमस्मान कर्णवदरातिः किमु धूर्तिरम्र्त मर्त्यस्य ||
इसका अर्थ है कि सोमपान अजर-अमर बनने के लिए बेहद जरूरी है. इसे भगवान ने खुद बनाया है. इंसान के लिए ये बहुत जरूरी है.
बाकी देश में भी हैं सोमपान की छाप
एक खबर के आधार पर बात करें तो मंगोलिया में एक पुरानी कालीन मिली है, जिसमें सोमपान करते हुए देवताओं के चित्र मिले हैं. इससे ये पूरी तरह से साफ होता है कि सोमपान को लेकर बाकी देशों के लोगों को भी जानकारी थी. इतना ही नहीं सोमरस का जिक्र तो पारसी धर्म तक में किया गया है. हिन्दू धर्म की तरह पारसी धर्म में इसे भगवान का पेय पदार्थ के तौर पर देखा जाता है. जो शुद्ध है. ऋगवेद की तरह पारसी के धार्मिक ग्रंथ में इसका पेय पदार्थ के रूप में जिक्र किया गया है.
क्या सोमरस से होता है नशा!
बाकी कहानियों की तरह सोमपान एक मिथ्य लगता है लेकिन पुरात्ववादियों ने 2 हजार साल पुरानी एक कालीन को खोजकर इस बात को साफ कर दिया है कि सही में सोमपान का अस्तित्व था. आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि सोमपान इस धरती पर कई सालों तक मौजूद था. लेकिन लोग इसे शराब समझते थे जोकि सही नहीं है. ऋग्वेद में सोम के अंदर दूध और दही को मिलाने की बात की गई है. जबकि ये चीज सभी लोग जानते हैं कि शराब के अंदर न तो दूध मिल सकते है और न ही दही. भांग में दूध मिलाया जा सकता है, लेकिन दही में नहीं, यहां एक ऐसे पदार्थ का जिक्र किया जा रहा है, जिसमें दही भी मिलाया जा सकता है. इसी के चलते ये बात साफ होती है कि सोमरस जो भी हो, लेकिन शराब या फिर भांग तो नहीं थी और जिससे नशा भी नहीं होता था.
इसके अलावा यह तस्वीर ईरान की है. जहां एक राजा हाथ में मशरूम लिए हुए है और दूसरा राजा उसे देख रहा है. इस बारे में विज्ञान का ये मानना है कि मशरूम को पेय योग्य बनाकर उसे सोमरस बनाया जाता है. सोमरस में मौजूद सारे तत्व मशरूम से मेल खाते हैं. जोकि इंसान के शरीर के लिए अच्छे होते हैं. इसकी वजह से शायद मशरूम की सहायता से ही सोमरस को बनाया जाता है. सोमरस से जुड़ी वैसे तो कई सारी बातें और कहानी मौजूद है किसमें कितनी सचाई है वो तो देखने वाली बात है.
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