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लम्बे इंतज़ार के बाद आखिरकार देश में कोरोना महामारी के लिए टीकाकरण शुरू हो चुका है। जिसके बाद कुछ लोगों को शरीर में छोटे-मोटे बदलाव महसूस हुए। जिसके चलते कई लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर डर के साथ कई सवाल पैदा हो गया है कि क्या ये वैक्सीन उनके लिए ठीक है। भारत द्वारा कोरोना के खिलाफ टीकाकरण शुरू करने के दो दिन बाद भारत बायोटेक द्वारा एक चेतावनी दी गई कि जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है या वो किसी ऐसी दवा का इस्तेमाल करते हैं जो उनकी इम्युनिटी को प्रभावित करती है या फिर किसी को किसी भी प्रकार की एलर्जी है तो ऐसे लोगों के लिए कोवाक्सिन शॉट लेना सुरक्षित नहीं होगा।
टीकाकरण शुरू होने से पहले सरकार द्वारा ये घोषणा की गई थी कि यदि किसी मरीज की प्रतिरोधक क्षमता कम है तब भी वो वैक्सीन ले सकता है लेकिन वैक्सीन का प्रभाव कम होगा। आमतौर पर एचआईवी पॉजिटिव, कैंसर के मरीज जो कीमोथेरेपी पर हों और जो स्टेरॉयड पर हों ऐसे सभी लोग इम्यून-सप्रेस की श्रेणी में आते हैं।
शनिवार से भारत द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई दो कोरोना वैक्सीनों ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन कोविल्ड और कोवाक्सिन का इस्तेमाल कर लाखों लोगों को टीका लगाना शुरू कर दिया गया है।
टीका लगाने के बाद लगभग 580 प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं भी दर्ज की गई।
भारत बायोटेक की फैक्ट-शीट का कहना है कि जिन लोगों को एलर्जी की समस्या है, जिन्हें ब्लीडिंग डिसऑर्डर है, जिन्हें बुखार है, या जो प्रेग्नेंट हैं या ब्रेस्टफीडिंग करवाते हैं, या फिर किसी भी अन्य गंभीर स्वास्थ्य संबंधित समस्या है तो ऐसे लोगों को कोवाक्सिन का इंजेक्शन नहीं लगवाना चाहिए। इसके अलावा उन लोगों को भी कोई अन्य टीका नहीं लगवाना चाहिए जो कोई और COVID-19 वैक्सीन प्राप्त कर चुके हैं।
वैक्सीन प्राप्त करने के कुछ दिन बाद कुछ लोगों में गंभीर एलर्जी हो सकती है जिसमें चेहरे और गले में सूजन, सांस लेने में कठिनाई, पूरे शरीर पर चकत्ते, चक्कर आना और कमजोरी, दिल की धड़कन तेज़ होना,आदि शामिल हो सकती है।
फैक्टशीट साइड इफेक्ट्स की सूची बनाई गई है जिसमें सूजन दर्द या खुजली जैसी दिक्कतें शामिल है इंजेक्शन लगने के बाद , सिरदर्द, शरीर में दर्द, अस्वस्थता, कमजोरी, बुखार, उल्टी और चकत्ते जैसी समस्या होने की संभावना हो जाती है।
भारत बायोटेक का कहना है " कोवाक्सिन एक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया का कारण भी बन सकती है। इस वजह से टीकाकरण होने के बाद व्यक्ति को लगभग 30 मिनट के लिए निगरानी में रखना जरुरी है। "
फार्मा दिग्गज ने यह भी कहा कि सभी प्राप्तकर्ता टीकाकरण की दूसरी खुराक के बाद तीन महीने की अवधि के लिए अनुवर्ती का हिस्सा होंगे।
"किसी भी गंभीर प्रतिकूल स्थिति में, टीका करने वालों को सरकार द्वारा अधिकृत केंद्रों / अस्पतालों में चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त मानक के साथ प्रदान किया जाएगा। गंभीर घटना के लिए मुआवजा देने की सुविधा भी प्रदान की गई है,"।
दस्तावेज़ में दिए गए एक रेखांकित पैरा में कहा गया है कि "कोवाक्सिन की नैदानिक प्रभावकारिता की स्थापना अभी बाकी है और अभी भी तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण में इसका अध्ययन किया जा रहा है। इसलिए, यह सराहना करना महत्वपूर्ण है कि टीका प्राप्त करने का मतलब यह नहीं है कि अन्य सावधानियों से संबंधित है। कोविड -19 का पालन करने की आवश्यकता नहीं है। ”
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